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एमपी हाईकोर्ट ने प्राइमरी टीचर भर्ती परीक्षा मामले में की सुनवाई, डबल बेंच ने शासन पर दिखाई सख्ती, अब इस दिन होगी सुनवाई - Law Live News

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े मामले पर सख्त रवैया दिखाते हुए, शासन पर नाराजगी जाहिर की है. इस मामले को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुना, जिसमें जस्टिस शील नागू और जस्टिस दुप्पला वेंकट रमन्ना ने मामले की सुनवाई की. अब अगली सुनवाई 20 नवंबर को तय की गई है.

MP High Court
मध्यप्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 5, 2023, 11:57 AM IST

Updated : Nov 5, 2023, 12:07 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े मामले को गुरुवार को काफी सख्ती से लिया. जस्टिस शील नागू और जस्टिस दुप्पला वेंकट रम्मना की युगलपीठ (Jabalpur Double High Court Bench) ने मामले में शासन के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया, यदि अगली सुनवाई पर जवाब नहीं दिया गया, तो ओआईसी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को निर्धारित की है.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, जबलपुर के रहने वाले रोहित चौधरी समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों के दर्जनों डीएलएड छात्रों ने याचिका दायर की थी. इसमें एनसीटीई द्वारा 26 अगस्त 2018 की उस अधिसूचना को चुनौती दी है. इसके तहत प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारकों को भी पात्र माना है. इसी के तहत अब सैकड़ों बीएड डिग्रीधारक उम्मीदवारों ने भी हस्तक्षेप आवेदन प्रस्तुत किए.

याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि बीएड डिग्रीधारकों के लिए यह शर्त रखी गई है कि नियुक्ति के दो वर्ष के भीतर उन्हें एक ब्रिज कोर्स करना होगा. दलील दी गई कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के तहत नियुक्ति के लिए काउंसलिंग जारी है. इसमें सैकड़ों बीएड डिग्री वालों को भी नियुक्ति दी जा रही है. जबकि, अभी तक एनसीटीई ने ब्रिज कोर्स का सिलेबस भी निर्धारित नहीं किया है.

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न्यायालय को बताया गया कि28 हजार में से करीब 15 हजार बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति दी गई है. प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड वालों को नियुक्ति देने से डीएलएड डिग्रीधारकों का हक मारा जाता है. आवेदकों की ओर से तर्क दिया गया कि राजस्थान हाईकोर्ट, नई दिल्ली और हिमाचल हाईकोर्ट उच्च न्यायालय ने बीएड डिग्रीधारियों की प्राथमिक शिक्षकों के रूप में की गई नियुक्तियों को निरस्त किया गया है. सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने पूर्व का अंतरिम आदेश बरकरार रखते हुए उक्त निर्देश दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक शाह ने पक्ष रखा.

Last Updated : Nov 5, 2023, 12:07 PM IST

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