जबलपुर।रिश्वतखोरी में फंसे सीजीएसटी के अधीक्षक कपिल कामले का घर किसी होटल से कम नहीं है. इससमें इटालियन मार्बल का फ्लोर, कांच के स्लाइडिंग डोर. हर कमरे में एसी. बरामदे में ऑटोमेटिक झरना. तीसरी मंजिल पर जिम. बेडरूम में लाखों रुपए के गद्दे. घर का शायद ही कोई कोना ऐसा है, जहां पानी की तरह रुपए न उड़ाए गए हों. आसपास के लोग बताते हैं कि 6 महीने पहले बने बनाए इस मकान को पूरी तरह से तोड़ा गया था. फिर नए सिरे से इसको बनाया गया. जबकि इसे तोड़ने की जरूरत नहीं थी.
विदेशी दौरे का भी शौकीन :सीजीएसटी अधीक्षक कपिल कामले और उनकी पूरी टीम एक गैंग की तरह काम कर रही थी. ये लोगों को जीएसटी के नाम पर धमकाते थे और उनसे लाखों रुपए की अवैध वसूली करते थे. ऐसा बताया जा रहा है कि केवल गुटखा व्यापारियों की ओर से इन लोगों को हर महीने लाखों रुपए की रिश्वत मिल रही थी. इसके एवज में गुटखा कारोबारियों को सीजीएसटी की चोरी करवा रहे थे. कपिल कामले और उसकी टीम के पास इतना पैसा था कि ये लोग अक्सर विदेश यात्रा पर भी जाते थे. कपिल कामले सीबीआई की गिरफ्त में एक गुटखा कारोबारी से रिश्वत मांगने के मामले में फंसा.
गुटखा व्यापारी ने बुना जाल :दरअसल, कपिल कामले ने अपनी टीम के साथ त्रिलोक चंद सेन नाम के एक व्यापारी की गुटखा फैक्ट्री पर छापा मारा था. यह गुटखा फैक्ट्री दमोह के नोहटा में थी. छापे के बाद सेंट्रल जीएसटी के इन अधिकारियों ने त्रिलोक चंद सेन को अपने जाल में फंसा लिया. पहले त्रिलोक चंद सहन से कहा गया कि उसके खिलाफ करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी का मुकदमा बनाएंगे और उन्हें सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा. त्रिलोक चंद सेन के मैनेजर ने कपिल कामले से मामले को खत्म करने की गुजारिश की. तब सौदा तय हुआ. इसमें कपिल कामले की टीम ने त्रिलोक चंद सेन से 10 लाख रुपए की जीएसटी जमा करने के लिए कहा. चंद्र सेन ने जीएसटी जमा कर दी.