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प्रमुख सचिव वित्त और सामान्य प्रशासन हाजिर हों : हाई कोर्ट

शेट्टी कमीशन की अनुशंसा अनुसार न्यायिक कर्मचारियों को वेतनमान नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए करते हुए कोर्ट ने कहा कि आदेश का परिपालन करो या पीएस विधि, वित्त व सामान्य प्रषासन विभाग हाजिर रहे.

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Published : Mar 12, 2021, 10:33 PM IST

Updated : Mar 12, 2021, 10:54 PM IST

Jabalpur Court
जबलपुर कोर्ट

जबलपुर।शेट्टी कमीशन की अनुशंसा अनुसार न्यायिक कर्मचारियों को वेतनमान नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मह रफीक व जस्टिस अंजुली पाॅलो की युगलपीठ ने पाया कि कई अवसर देने के बावजूद भी सरकार द्वारा आदेश का परिपालन नहीं किया गया है. युगलपीठ ने सरकार को निर्देश दिये है कि अगली सुनवाई के पहले आदेश का परिपालन करें. आदेश का परिपालन नहीं करने पर प्रमुख सचिव विधि विभाग, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और प्रमुख सचिव वित्त विभाग व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहे. याचिका पर अगली सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारित की गयी है.

शेट्टी पे कमीशन की अनुशंसाओं का दिया जाए लाभ

मप्र हाईकोर्ट में कार्यरत चंद्रिका प्रसाद कुशवाहा और 75 अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया था कि उच्च न्यायालय ने 28 अप्रैल 2017 को उनकी रिट याचिका सुनवाई के बाद मंजूर की थी. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया था कि याचिकाकर्ताओं को शेट्टी पे कमीशन की अनुशंसाओं का लाभ दिया जाए. इस आदेश के बाद भी याचिकाकर्ताओं का लाभ नहीं दिये जाने के खिलाफ अवमानना याचिका साल 2018 में दायर की गयी थी.

जांच के लिए कलेक्टर गठित करें संयुक्त टीम

याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल 2017 को पारित फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था. इसके बाद सरकार की तरफ से आदेश का परिपालन करने के संबंध में कई बार आश्वासन दिये.अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने 15 जनवरी 2021 को 6 माह में आदेश के परिपालन करने के आदेश दिये थे. सरकार की तरफ से बताया गया था कि हाईकोर्ट सर्विस रूल्स में संषोधन के लिए कैबिनेट के पास प्रस्ताव भेजा जा रहा है. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सरकार को अवसर प्रदान किया था. सरकार द्वारा आदेश के परिपालन में बरती जा रही. मामले को गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व हिमांषु मिश्रा ने पैरवी की.

Last Updated : Mar 12, 2021, 10:54 PM IST

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