जबलपुर। शहर में लगभग साढ़े 400 करोड़ रुपए की लागत से सीवर लाइन डाली जा रही है. इस परियोजना का उद्देश्य जबलपुर के हर घर से निकलने वाले सीवर वेस्ट को ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाना है. इसकी शुरुआत 2006 में हुई थी, तब यह उम्मीद थी कि यह परियोजना जल्द ही खत्म हो जाएगी, लेकिन 14 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस परियोजना का अंत नहीं हो पाया है. अभी तक केवल 33 प्रतिशत काम ही हुआ है. कई जगहों पर यह लाइन टूटने-फूटने भी लगी है, जिसके बाद इन मुद्दों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. लिहाजा अधूरी सीवर लाइन के मामने में कोर्ट में सुनवाई हुई.
533 करोड़ रुपए की जरूरत
पिछली सुनवाई में इस मुद्दे पर चीफ टेक्निकल एग्जामिनर से जवाब मांगा गया था. जवाब में कहा गया कि इस परियोजना को पूरा करने में अभी भी 533 करोड़ रुपए की जरूरत है.
अधूरा पड़ा सीवर लाइन प्रोजेक्ट, HC ने मांगा राज्य सरकार से जवाब
जबलपुर शहर में अधूरी पड़ी सीवर लाइन कई जगहों से टूटने-फूटने लगी है, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा. फिलहाल कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
हाई कोर्ट
राज्य सरकार के पास अपने निकाय चलाने के लिए पैसे नहीं है. ऐसे हालात में अधूरे प्रोजेक्ट को पैसा कैसे दिया जाएगा. बहरहाल, इस मुद्दे पर राज्य सरकार को 1 मार्च 2021 तक जवाब देना होगा.