जबलपुर।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जबलपुर इकाई द्वारा लगाई गई एक याचिका पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका झोलाछाप डॉक्टरों की प्रैक्टिस से संबंधित है. एसोसिएशन ने फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों को लोगों का इलाज करने से रोकने की गुहार लगाई है. यह भी कहा है कि कई शिकायतों के बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई है. झोलाछाप डॉक्टर बेरोकटोक ग्रामीण और शहरी इलाकों में इलाज कर रहे हैं. इसकी वजह से कई मासूम लोगों की जान तक जा रही है.
4 सप्ताह का वक्त दिया :हाई कोर्ट ने इस याचिका पर मध्यप्रदेश सरकार और मेडिकल कमीशन को नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने पूछा है कि अब तक सरकार की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की गई है. इसके लिए क्या नियम हैं. जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का वक्त दिया गया है. यह पहला मौका नहीं है, जब मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में फर्जी या झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जनहित याचिका आई है. इससे पहले भी जबलपुर के एक डॉक्टर ने इसी तरह की याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने जबलपुर शहर में 28 फर्जी डॉक्टरों की सूची भी अदालत को सौंपी थी.
कम्युनल आरक्षण लागू किए जाने को चुनौती :हाई कोर्ट में असिस्टेंट ग्रेड व शीघ्र लेखकों के 1255 पदों पर शत प्रतिशत कम्युनल आरक्षण लागू किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस पर जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की युगलपीठ के संबंधित आदेश पर स्थगन जारी करते हुए ओबीसी वर्ग के मेरिटोरियस छात्रों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश जारी किए हैं. पुष्पेन्द्र पटैल ने याचिका में कहा है कि बीती 30 मार्च को हाई कोर्ट द्वारा जारी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में 100 प्रतिशत कम्युनल आरक्षण लागू किया गया है. आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में चयनित नहीं किया गया है. इसके खिलाफ उनकी याचिका को हाई कोर्ट की युगलपीठ द्वारा 2 जनवरी को खारिज किया गया था. पीठ ने कहा था कि विज्ञापन में प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में किया गया है. स्क्रीनिंग टेस्ट का आयोजन अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट करने के लिए किया गया था इसलिए उसमें आरक्षण लागू नहीं होता है. सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएसपी में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने उक्त भर्ती प्रक्रिया में असंवैधानिक रूप से आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) के विरुद्ध रिजल्ट बनाया है, जो संविधान के अनुछेद 14 एवमं 16 का खुला उल्लंघन है.
सीएम राइज स्कूल के लिए याचिका :डिंडौरी जिले के समनापुर स्थित शासकीय हाई स्कूल खुड़िया को सीएम राइज स्कूल के रूप में अपग्रेड न करने को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. समनापुर के ग्राम खुड़िया निवासी बोधराम ठाकुर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि शासकीय हाई स्कूल खुड़िया में फिलहाल 1000 से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं. शासनादेश के खिलाफ जाकर मानपुर में सीएम राइज स्कूल खोलने से इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा.
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अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर :शिवपुरी-कोलारस न्यायालय में अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मामला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं को बैठने की जगह नहीं मिलने से जुड़ा है. स्थानीय विधायक ने इस ओर कदम उठाकर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य भी शुरू कराया था. इसे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा बीच में ही रोक दिया गया. इससे नाराज होकर अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है कि जब तक न्यायालय परिसर में बैठने के लिए निर्माण कार्य शुरू कराए जाने की स्वीकृति नहीं मिल जाती, तब तक वे अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे.