जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट ने बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर नियामक आयोग को अंतिम निर्णय लेने रोक लगा दी है. एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. टीकमगढ़ जिले के रहने वाले निर्मल लोहिया की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की धारा 12 के तहत बिजली टैरिफ संबंधी याचिकाओं पर आम नागरिकों को आपत्ति पेश करने का अधिकार दिया गया है.
बिजली कंपनियों की याचिका पर आपत्ति
जिसके बाद नियामक आयोग आपत्तिकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद टैरिफ याचिका पर फैसला लेता है. याचिकाकर्ता द्वारा बिजली कंपनियों की याचिका पर आपत्ति 3 मार्च 2021 को कमीशन के समक्ष प्रस्तुत की गई थी, लेकिन नियामक आयोग ने उनकी आपत्ति को स्वीकार नहीं किया और नए टैरिफ को लेकर जनहित सूचना भी जारी कर दी गई.
टैरिफ याचिकाओं पर आगामी फैसले पर रोक
इस जनहित सूचना के माध्यम से टैरिफ याचिकाओं पर आयोग जल्द फैसला भी पारित करने जा रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि नियम के मुताबिक आपत्तिकर्ताओं को सुने बिना नियामक आयोग फैसला नहीं कर सकती. याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद एकल पीठ ने नियामक आयोग की टैरिफ याचिकाओं पर आगामी फैसले और सुनवाई पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आशीष रावत ने पैरवी की.