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हितग्राहियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा

सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आयुक्त मेडिकल हेल्थ डाॅक्टर संजय गोयल ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ को बताया कि दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

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Published : Mar 2, 2021, 1:29 AM IST

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर।कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी होने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के आयुक्त मेडिकल हेल्थ डाॅक्टर संजय गोयल ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ को बताया कि दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके साथ ही कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गयी है, तथा मंडला व बालाघाट जिलों में दो दिनों के अंदर मषीन पहुंच जायेगी. इन दोनों जिलों में एक सप्ताह के अंदर मशीन लगा दी जायेगी. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देष दिये हैं.

हितग्राहियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा

2017 में निकाल था मशीन लगाने का टेंडर

कटनी जिले के मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिये वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था. वर्ष 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को मिला. जिसे फरवरी 2019 तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी, इसके लिये जगह भी उपलब्ध करा दी गई, लेकिन 20 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई.

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टेंडर के बाद भी कंपनी ने नहीं लगाई सीटी स्कैन मशीन

कोरोना काल में जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की काफी आवश्यकता पड़ रहीं है. याचिका में कहा गया था कि संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है. याचिका की सुनवाई के दौरान पूर्व में सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में कहा गया था कि देरी के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई की गयी है. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान आयुक्त मेडिकल हेल्थ युगलपीठ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए. उन्होंने उक्त जानकारी युगलपीठ के समक्ष पेश की. जिसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सोनी ने पैरवी की.

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