इंदौर। रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचने और कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के बयान से कटघरे में आए इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने आखिरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं. बुधवार को इंदौर में इस मामले पर सफाई देते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि जो ड्राइवर गिरफ्तार किए गए हैं वह एक निजी ट्रैवल एजेंसी के ड्राइवर हैं. जहां तक परिवार के संबंध रहने का मामला है तो उन्होंने कहा कि परिवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी इस मामले की जांच में सारे तथ्य स्पष्ट हो जाएंगे.
मंत्री तुलसी सिलावट ने दिए जांच के निर्देश
हाल ही में इंदौर पुलिस ने जिले की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल को इंजेक्शन बेचने के आरोप में पकड़ा है. उसने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उसे यह इंजेक्शन प्रभारी मंत्री की पत्नी के ड्राइवर गोविंद राजपूत से मिले थे. जैसे वह 14 से 15 में बेचता था. गिरफ्तार किए गए ड्राइवर के खुलासे के बाद इस पूरे मामले को लेकर तुलसी सिलावट और उनका परिवार कटघरे में खड़ा हो गया है. हालांकि फिलहाल इस मामले में शीर्ष स्तर पर कोई पूछताछ और निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने खुद ही इस पूरे मामले में जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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