इंदौर। लॉकडाउन में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले नगर निगम कर्मचारियों के सामने सैलरी को लेकर संकट खड़ा हो गया है. शहर में सफाई कर्मियों सहित सिटी बस और अन्य कामों में लगे निगम कर्मचारियों की सैलरी तो खातों में आ गई. लेकिन इन कर्मियों के पास एटीएम कार्ड ना होने की वजह से वह सैलरी नहीं निकाल पा रहे हैं. वहीं कहीं कर्मचारियों के सामने सैलरी को लेकर संकट इसलिए भी है क्योंकि बैंकों में तंबू मशीन के आधार पर ही वे सैलरी निकाल पाते थे लेकिन कोरोना वायरस के चलते उसका उपयोग भी पूरी तरह बंद है.
नगर निगम कर्मचारियों के सामने खड़ा हुआ सैलरी का संकट, ये है वजह
इंदौर। लॉकडाउन में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले नगर निगम कर्मचारियों के सामने सैलरी को लेकर संकट खड़ा हो गया है. शहर में सफाईकर्मियों सहित सिटी बस और अन्य कामों में लगे निगम कर्मचारियों की सैलरी तो खातों में आ गई, लेकिन इनके पास एटीएम ही नहीं है.
इंदौर नगर निगम के 17 हजार से अधिक कर्मचारी प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. दरअसल कोरोना वायरस के चलते बैंकों में कामकाज सीमित है और सीमित समय के लिए ही बैंक के इंदौर में खोली जा रही है. लेकिन कई कर्मचारियों के पास एटीएम कार्ड ना होने की वजह से वे अपनी सैलरी बैंकों से नहीं निकाल पा रहे हैं. इसे लेकर इंदौर नगर निगम कर्मचारी यूनियनों ने भी कलेक्टर और निगमायुक्त से बैंक खुलवाने की गुहार लगाई है ताकि कर्मचारी इस संकट के समय अपनी सैलरी निकाल सकें.
निगम कर्मचारी यूनियनों के द्वारा मामला सामने लाने के बाद प्रशासन बैंकों से बात करने में जुटा है. ताकि सैलरी का कोई रास्ता निकाला जा सके. साथ ही कर्मचारियों अधिकारियों ने फिलहाल सिर्फ आश्वासन देकर राहत दी है.