इंदौर।बीते 6 महीने से कर्फ्यू और लॉकडाउन का कहर झेल रहा रेलवे अब सूने स्टेशनों में तब्दील हो गया है, जबकि स्टेशनों पर मौजूद बेशकीमती सुरक्षा सामग्री और तरह-तरह के संसाधनों की सुरक्षा को लेकर रेलवे प्रशासन परेशान है. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के रेलवे स्टेशन का आलम ये है कि परिसर में मौजूद खानपान और कैंटीन की तमाम खाद्य सामग्री गायब थी, जिसके बाद चोरों से रेलवे की संपत्ति बचाने के लिए पूरा स्टेशन ही सील करना पड़ा. इतना ही नहीं यहां तैनात जीआरपी के जवान जो पहले यात्रियों की सुरक्षा करती थी, वो इन दिनों संभावित चोरी के मद्देनजर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में लगी है.
सुरक्षा के लिहाज से स्टेशन पर लगाए ताले
इंदौर रेलवे स्टेशन के 125 साल के इतिहास में ये पहला मौका है, जब यात्रियों की भीड़ से भरा रहने वाला स्टेशन सुरक्षा के लिहाज से सील करना पड़ा है. मार्च में कर्फ्यू लगते ही प्रमुख रूप से मुंबई-इंदौर रूट से देश के अन्य शहरों तक पहुंचने वाली तमाम ट्रेनें जहां थी, वहीं खड़ी रह गई. ऐसी स्थिति में स्टेशनों पर पहुंचे सैकड़ों यात्रियों को भी लॉकडाउन और कर्फ्यू के दौर में अपने-अपने घरों की ओर रेलवे ट्रैक से होते हुए पैदल ही कूच करना पड़ा. इस दौरान अधिकांश रेलवे स्टेशन सूने हो गए.
सूने स्टेशनों को चोरों ने बनाया निशाना
देश के कई रेलवे स्टेशन ऐसे थे, जहां अंतिम दौर में गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों ने रेलवे कैंटीन और स्टेशनों पर लगी दुकानों पर मौजूद खाद्य सामग्री ही लूट ली थी. इसके बाद उज्जैन के खाचरोद स्टेशन को चोरों ने निशाना बनाया. कमोबेश इंदौर रेलवे स्टेशन पर चोरी की स्थिति न बने, इसके लिए स्टेशन के जितने भी प्रवेश द्वार थे, सभी को बंद कर दिया गया है. स्टेशन पर लगे मंहगे सीसीटीवी, डिजिटल टीवी स्क्रीन, अत्याधुनिक माइक सिस्टम और फर्नीचर के अलावा रेलवे के उपयोग के अन्य तमाम महंगे संसाधनों की चोरी न हो, इसके रेलवे प्रशासन ने ये कदम उठाया है.
सुरक्षा के लिए सभी गेटों को किया बंद
जीआरपी ने अपनी सुविधा के लिए स्टेशन क्रमांक 5 स्थित जो रास्ता है, उसे अपनी आवाजाही के लिए खोला है, उस पर भी सुरक्षा के लिए जवान तैनात किए गए हैं. फिलहाल किसी तरह रेलवे स्टेशन परिसर चोरी की वारदात से बचा है. हालांकि, अब अनलॉक की प्रक्रिया जारी है, इसके बाद भी कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिसे देखते हुए रेलवे प्रशासन ट्रेनें नियमित तौर पर नहीं चलने की स्थिति में स्टेशन को खोलने को तैयार नहीं है.