इंदौर। शहर का प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर ने स्वच्छता में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. खजराना गणेश मंदिर में प्रतिदिन चढ़ने वाले फूलों से तीन R कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है. मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से होली का रंग तैयार किया जा रहा है. साथ ही मंदिर परिसर में ही इन्हीं फूलों को सुखाकर इनसे धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाई जाएगी. तैयार कांसेप्ट पर किए गए इस नए प्रयोग के चलते खजराना गणेश मंदिर पूरी तरह जीरोवेस्ट पर आधारित मंदिर हो गया है. मंदिर से निकलने वाले वेस्ट का पूरा उपयोग किया जा रहा है. प्रदेश में महाकाल मंदिर के बाद एकमात्र इंदौर का खजराना गणेश मंदिर है, जहां पर किसी भी प्रकार का कचरा बाहर नहीं जाता है.
15 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन चढ़ाते हैं 5 क्विंटल फूल
खजराना गणेश मंदिर में प्रतिदिन 15000 से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु 5 से 7 क्विंटल फूल प्रतिदिन मंदिर में चढ़ाते हैं. अकेले खजराना गणेश मंदिर परिसर में 33 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर स्थापित है. मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से तैयार किए गए रंग गुलाल भी पूरी तरह से हर्बल और सुरक्षित है. इसका उपयोग करने पर किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. इन रंगों को तय मानकों के आधार पर ही बनाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि भगवान गणेश को अर्पित फूलों से बने होने के कारण रंगों में आस्था का रंग भी शामिल हो गया है. इस काम को करने के लिए एक निजी संस्था की सहायता ली गई है, जो कि महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का काम भी कर रही है. यह संस्था इससे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में इसी तरह से जीरो वेस्ट पर काम कर रही थी.
अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने में महिलाओं को मिला रोजगार