इंदौर।महू में पुलिस गोलीबारी का शिकार हुए आदिवासी भेरूलाल की मौत का मातम मनाने हर दल का नेता उसके घर पहुंचा. बड़े-बड़े वादे किए, मीडिया में तस्वीरें खिंचाईं. लेकिन मामले के मीडिया की सुर्खियों से हटते ही भेरूलाल का परिवार दोबारा उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर है. जिस गांव में यह परिवार रहता है, वहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की. यही वजह है कि यह आदिवासी परिवार ही नहीं, उनका पूरा गांव सरकार से अब भी मूलभूत सुविधाओं की मांग करता नजर आ रहा है.
हेलीपैड बना लेकिन नहीं बन पाई सड़कःराजनीति चमकाने नेता गांव में आए तो हेलिपैड भी बना. लेकिन उनके यहां से निकलते ही मृतक के घर तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क भी नहीं बन पाई है. भेरूलाल का घर खेत में बना है. मुख्य सड़क से करीब 500 मीटर पैदल चलकर ही यहां पहुंचना होता है. हालांकि, बताया गया है कि अब पंचायत स्तर पर एक मार्ग बनाने का प्रयास शुरू किया गया है.