इंदौर।कई दशकों से रेलवे नेटवर्क और रेल सुविधाओं को तरस रहे मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल के जिले अब रेल नेटवर्क से जुड़ सकेंगे. दरअसल कई वर्षों से लंबित इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की डीपीआर आखिरकार तैयार हो गई है. जिसके बाद 22000 करोड़ की यह योजना केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद इस वृहद योजना का कार्य शुरू किया जा सकेगा.
268 किलोमीटर की होगी रेल लाइन:गौरतलब है कई दशकों से अधूरी पड़ी इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना को धरातल पर लाने का काम एक बार फिर बमुश्किल शुरू हो सका है. इंदौर सांसद शंकर लालवानी के मुताबिक, इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की डीपीआर यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट आखिरकार तैयार हो गई है. जिसे सेंट्रल रेलवे ने रेलवे बोर्ड में प्रस्तुत कर दिया है. फिलहाल डीपीआर रिपोर्ट में जो प्रमुख तथ्य उनके मुताबिक इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन कुल 268 किलोमीटर की होगी, जिसमें धुले से मनमाड़ के बीच 50 किलोमीटर पर कार्य चल रहा है. इसके अलावा शेष 218 किलोमीटर के लिए 2200 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना होगा.
इंदौर से मनमाड़ के बीच 34 रेलवे स्टेशन बनेंगे:वही, इस ट्रैक पर करीब 300 छोटे बड़े ब्रिज भी बनेंगे. इस लाइन के लिए नोट अनल भी प्रस्तावित है, जिसकी लंबाई करीब 20 किलोमीटर से ज्यादा होगी. इंदौर से मनमाड़ के बीच 34 रेलवे स्टेशन बनेंगे. इसके अलावा मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के 6 जिले जिनमें इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, धुले और नासिक डबल लाइन के रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगे. जाहिर है मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल से जुड़े जिलों में रेलवे नेटवर्क स्थापित होने से न केवल प्रदेश के पश्चिमी हिस्से का व्यापारिक लिहाज से विकास हो सकेगा, साथ ही इस रेलवे लाइन से मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी का देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सीधा नेटवर्क जुड़ सकेगा. सके अलावा इंदौर से मुंबई एवं दक्षिण के राज्यों के बीच भी इस रेलवे नेटवर्क के कारण कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी.