इंदौर। कोविड महामारी में जहां हर किसी का जनजीवन बुरा प्रभावित हुआ है. महामारी से संक्रमित होने वाले लोगों के परिजनों के परेशान होने का सिलसिला अभी भी जारी है. पहले इंजेक्शन की दुकानों के बाहर, रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए लंबी कतारें लगनी शुरू हो गए थी. वहीं अब तेजी से अपने पैर पसार रहा, ब्लैक फंगस का संक्रमण भी उन्हीं, सब परेशानियों के साथ लोगों के लिए चुनौती बनता जा रहा है.
मरीजों के परिजन हो रहे हैं परेशान Nasal endoscopy से की जाएगी ब्लैक फंगस पेशेंट की जांच- मंत्री विश्वास सारंग
इंजेक्शन के लिए लंबी लंबी लाइन
पिछले दिनों बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस की बीमारी का प्रकोप बढ़ता नजर आ रहा है. जिसके जिलते इस बीमारी में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की भारी कमी हो गई है. रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए दवा बाजार स्थित इंजेक्शन की दुकानों पर लंबी कतारें देखने को मिल रही थी. वही ऐसा ही कुछ नजारा अब ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन को लेकर भी दिखने लगा है. जहां लोगों ने सुबह से ही दुकानों के बाहर इंजेक्शन के लिए खड़े होना शुरू कर दिया है, लेकिन इंजेक्शन स्टॉक ना होने के कारण, पेशेंट के परिजनों को निराशा ही हाथ लग रही है. जिसकी वजह से परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्टॉक में इंजेक्शन खत्म
शासन द्वारा रेमडेसीविर के बाद ब्लैक फंगस के इंजेक्शन के डिस्ट्रीब्यूशन को मेडिकल दुकानों से बंद कर अस्पताल तक सीधे पहुंचाने का निर्णय लिया था, ताकि लोगों को इस इंजेक्शन के लिए मेडिकल दुकानों के चक्कर न काटना पड़े. लेकिन लगातार बढ़ रही मांग और पैर पसार रहे फंगल इंफेक्शन के कारण इसकी आपूर्ति अभी भी एक चिंता अभी से बनी हुई है.