इंदौर।दिवाली आने में दो दिन ही बचे हैं. दीपों का ये पर्व मिठाई के बगैर अधूरा है. दीपावली पर ना सिर्फ मिठाई खाई जाती है, बल्कि इस दिन लोग एक-दूसरे को मिठाई गिफ्ट भी करते हैं. इन मिठाईयों में सोनपापड़ी ज्यादा प्रचलित है, क्योंकि सोनपापड़ी जल्दी खराब नहीं होती, ये सुखी मिठाई होती है इसलिए इसकी पैकिंग भी आसान होती है. तो आईये जानते है कि आखिर कैसे बनती है स्वादिष्ट सोनपापड़ी, जिसे आप दिवाली पर जमकर खा भी सकते हैं और दोस्तों-रिश्तेदारों को गिफ्ट भी कर सकते हैं.
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कुछ इस तरह बनती है सोनपापड़ी
सोनपापड़ी के लिए गाढ़ी चाशनी जरूरी सोनपापड़ी बनाने के लिए सबसे पहले शक्कर के साथ पानी को गर्म कर मिलाया जाता है. फिर से गाढ़ा किया जाता है. ये चाशनी जब गाढ़ी हो जाती है, तो इसे एक बड़े से बर्तन पर रखा जाता है और 4 से ज्यादा कारीगर चाशनी को आधा घंटे तक चारों ओर से खींचते हैं. चाशनी को लगातार खींचने से इसमें तार बनने लगते है, इसके बाद इसे फिर से थाली में डालकर बेसन और मैदा मिलाया जाता है.
चाशनी को लगातार खींचने से इसमें तार बनने लगते है फिर 20 मिनट तक इसे फिर से खींचा जाता है. खींचने से इस मिश्रण में अब लच्छे बनने शुरू हो जाते हैं. इन लच्छों को परात पर 3 इंच तक जमाते हैं.
सोनपापड़ी पैक करते कारीगर फिर हाथ से आधा घंटे तक दबाते हैं, जिससे सोनपापड़ी की कई लेयर तैयार हो जाती है. इसके बाद कारीगर इसे बराबर पीस में काटकर पैक करते हैं. जिसके बाद ये मिठाई बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाती है.