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हनीट्रैप केस में इंदौर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, नहीं होगी सीबीआई जांच - Indore bench ruled in Honeytrap case

हनीट्रैप मामले में सीबीआई जांच कराने को लेकर लगाई गई याचिका पर इंदौर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने सीबीआई जांच को खारिज करते हुए एसआईटी की जांच जारी रखने को कहा.

Honey Trap Case
हनीट्रैप केस

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Published : Sep 5, 2020, 7:46 PM IST

इंदौर।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पिछले एक साल से हनी ट्रैप मामले में सुनवाई हो रही है. इस पूरे मामले में सात याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. वहीं शनिवार को इंदौर खंडपीठ ने सभी याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई मांग को लेकर जो याचिका लगी हुई थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि एसआईटी के द्वारा जो जांच की जा रही है वह विश्वसनीय है.

हनीट्रैप मामले में इंदौर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस केस में सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है. हनीट्रैप मामले में सीबीआई जांच कराने को लेकर लगाई गई याचिका पर इंदौर हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ इंदौर द्वारा अपने विस्तृत फैसले में एसआईटी द्वारा की गई. जांच से संतुष्टि जताते हुए यह कहा गया कि याचिकाकर्ता ऐसा कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं कर पाया है जिससे जांच सीबीआई को दी जाए. न्यायालय द्वारा यह भी उल्लेखित किया गया है कि एसआईटी द्वारा कोर्ट के सुपर विजन में की गई जांच एवं समय-समय पर दिए गए आदेशों के पालन में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. जिसके आधार पर सीबीआई जांच की कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती. माननीय न्यायालय ने याचिकाकर्ता का निराकरण करते हुए यह भी आदेशित किया कि हैदराबाद से एफएसएल रिपोर्ट आने के पश्चात एवं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में कार्रवाई कर रिपोर्ट रजिस्टार के समक्ष प्रस्तुत करें याचिकाकर्ता की ओर से मनोहर दलाल निधि गौरव तथा अन्य ने पैरवी की. वहीं मध्यप्रदेश शासन की ओर से महाधिवक्ता पुष्पेंद्र गौरव एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने शासन का पक्ष रखा.

फिलहाल इस पूरे ही मामले में जिस तरह से इंदौर हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को लेकर जो मांग रखी गई थी उसे दरकिनार कर दिया. बता दें इस पूरे मामले में तकरीबन 7 याचिका लगी थीं, फैसला आने के बाद उन सभी याचिका में जो जांच की मांग रखी गई थी वह खुद व खुद ही खत्म हो गई है.

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