इंदौर। 13 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. शास्त्रों के मुताबिक तकरीबन काफी सालों बाद अच्छा योग पूजन के लिए आ रहा है. वहीं अगर बात ग्रह नक्षत्रों की जाए, तो इस बार काफी राशियों में उथल-पुथल मच सकती हैं. नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है, जहां 9 दिनों तक माता के विभिन्न रूपों की पूजा की जायेगी. पुजारी का कहना है कि नवरात्रि में माता की पूजा का तकरीबन 400 साल बाद इस तरह का संयोग आ रहा हैं, जो काफी लाभदायक होगा. सभी को अच्छे भाव से माता की पूजा करना चाहिए. वहीं 9 दिनों की बात की जाए, तो माता के अलग-अलग रूपों का पूजन होता है. जो भी विधि-विधान और श्रद्धा भाव से माता का पूजन करता है, उसे काफी फल प्राप्त होता हैं.
हिंदी पंचांग के मुताबिक, 13 अप्रैल को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व शुरू होगा. नवमी की तिथि 21 अप्रैल 2021 को पड़ेगी. इसके साथ ही नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को होगा.
घटस्थापना का विशेष महत्व
नवरात्रि के मौके पर घट स्थापना का विशेष महत्व होता है. घट स्थापना से ही नवरात्रि की पूजा शुरू होती है. इसका मुहूर्त सुबह 5:28 बजे से सुबह 10:14 बजे तक रहेगा. घट स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं. इसके बाद इस पात्र के ऊपर कलश की स्थापना की जाती है. कलश में जल भरने के बाद इसमें गंगाजल भी मिलाया जाता है. इसके बाद कलश पर कलावा बांधा जाता है. कलश के मुख पर आम या फिर अशोक का पत्ता रखा जाता है. फिर नारियल को कलावा से बांध दिया जाता है. इसके बाद लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रख दिया जाता है.