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नवरात्रि स्पेशल: 400 साल बाद बन रहा शुभ संयोग, जानें पूजन विधि - Navratri Puja

नवरात्रि 2021 की शुरुआत होने वाली है. तकरीबन 400 साल बाद शुभ संयोग बन रहे है, जो काफी लाभदायक होगा, लेकिन ग्रह नक्षत्रों की बात जाए, तो इस बार काफी राशियों में उथल-पुथल मच सकती हैं.

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Published : Apr 12, 2021, 10:46 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 12:28 AM IST

इंदौर। 13 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. शास्त्रों के मुताबिक तकरीबन काफी सालों बाद अच्छा योग पूजन के लिए आ रहा है. वहीं अगर बात ग्रह नक्षत्रों की जाए, तो इस बार काफी राशियों में उथल-पुथल मच सकती हैं. नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है, जहां 9 दिनों तक माता के विभिन्न रूपों की पूजा की जायेगी. पुजारी का कहना है कि नवरात्रि में माता की पूजा का तकरीबन 400 साल बाद इस तरह का संयोग आ रहा हैं, जो काफी लाभदायक होगा. सभी को अच्छे भाव से माता की पूजा करना चाहिए. वहीं 9 दिनों की बात की जाए, तो माता के अलग-अलग रूपों का पूजन होता है. जो भी विधि-विधान और श्रद्धा भाव से माता का पूजन करता है, उसे काफी फल प्राप्त होता हैं.

नवरात्रि पर 400 साल बाद बन रहा शुभ संयोग

हिंदी पंचांग के मुताबिक, 13 अप्रैल को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व शुरू होगा. नवमी की तिथि 21 अप्रैल 2021 को पड़ेगी. इसके साथ ही नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को होगा.

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घटस्थापना का विशेष महत्व

नवरात्रि के मौके पर घट स्थापना का विशेष महत्व होता है. घट स्थापना से ही नवरात्रि की पूजा शुरू होती है. इसका मुहूर्त सुबह 5:28 बजे से सुबह 10:14 बजे तक रहेगा. घट स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं. इसके बाद इस पात्र के ऊपर कलश की स्थापना की जाती है. कलश में जल भरने के बाद इसमें गंगाजल भी मिलाया जाता है. इसके बाद कलश पर कलावा बांधा जाता है. कलश के मुख पर आम या फिर अशोक का पत्ता रखा जाता है. फिर नारियल को कलावा से बांध दिया जाता है. इसके बाद लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रख दिया जाता है.

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कैसे करें कलश स्थापना ?

  • इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए.
  • फिर स्नान कर साफा-सुथरा वस्त्र पहन लें.
  • इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ कर लें.
  • एक लकड़ी का पाटा लेकर उस पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • अब इस कपड़े पर चावल रखकर मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें.
  • उसी बर्तन के ऊपर जल का कलश रखें. फिर कलश पर स्वास्तिक बनाएं. फिर कलावा बांध दें.
  • कलश पर सुपाड़ी, सिक्का और अक्षत जरूर डालें.
  • कलश पर अशोक के पत्ते रखें.
  • साथ ही एक नारियल को चुनरी से लपेट कर कलावा बांध दें.
  • फिर मां दुर्गा का आव्हान करें और दीप प्रज्वलित कर कलश की पूजा करें.

कलश स्थापना मुहूर्त

13 अप्रैल 2021

  • मेष लग्न - सुबह 6:02 से 7:38 बजे तक
  • वृषभ लग्न - सुबह 7:38 से 9:34 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त - मध्यान्ह 11:56 से 12:47 बजे तक
  • सिंह लग्न - दोपहर 14:07 से 16:25 बजे तक

घट स्थापना के तीन मुहूर्त बहुत अच्छे

  • सुबह 9:11 से दोपहर 2:56 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया रहेंगे, जो घट स्थापना के लिए अति उत्तम हैं.
Last Updated : Apr 13, 2021, 12:28 AM IST

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