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प्रदेश की राजनीति का केंद्र बना अन्नदाता, आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी

किसानों के मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई में अब कांग्रेस जहां राज्य के सांसदों का घेराव कर रही है, वहीं बीजेपी जनता पार्टी ने प्रदेश भर में प्रेस वार्ता कर किसानों की दुर्दशा के लिए कमलनाथ सरकार की विफलताओं को जिम्मेदार ठहराया है

Annadata again became the center of state politics
प्रदेश की राजनीति का फिर केंद्र बना अन्नदाता

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Published : Dec 3, 2019, 3:20 PM IST

इंदौर। किसानों के मुद्दे पर बीते 15 सालों के राजनीतिक वनवास के बाद सत्ता में लौटी राज्य की कांग्रेस सरकार के सामने किसान और किसानों की समस्या फिर चुनौती बनकर खड़ी हो गई है. खास बात ये है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी की स्थिति बीते 15 साल विपक्ष में रही कांग्रेस जैसी ही है. जो अब किसानों के मुद्दे पर ही कांग्रेस को घेरने में जुटी है.

नहीं बदले किसान के हालात

मध्यप्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने में सफल रही कमलनाथ सरकार साल भर सत्ता में रहने के बाद भी किसानों की ऋण माफी के साथ उनकी समस्याओं का हल नहीं कर पाई है. करीब 21 लाख किसानों की ऋण माफी के दावों के दौरान ही अतिवृष्टि से फसलों के चौपट होने के बाद राज्य सरकार ने उम्मीद लगाई थी कि अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश को हुए नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार की तरफ से होगी लेकिन आंशिक भरपाई से न तो किसानों को राहत मिली ना ही कमलनाथ सरकार को. नतीजतन अब किसानों की परेशानियों के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार जहां केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. वहीं विपक्ष में बैठी बीजेपी अब किसान के मुद्दे पर ही कमलनाथ सरकार को घेरने में जुटी है.

प्रदेश की राजनीति का फिर केंद्र बना अन्नदाता

किसानों के मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई में अब कांग्रेस जहां राज्य के सांसदों का घेराव कर रही है, वहीं बीजेपी जनता पार्टी ने प्रदेश भर में प्रेस वार्ता कर किसानों की दुर्दशा के लिए कमलनाथ सरकार की विफलताओं को जिम्मेदार ठहराया है. प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक हालातों पर नजर डालें तो विधानसभा चुनाव के साल भर बाद ही राज्य की राजनीति का केंद्र फिर एक बार अन्नदाता ही है. जो सत्ता और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच अपनी फसलों को हुए नुकसान के बाद मंडियों में कौड़ियों में बिकती फसल और खाद बीज की चुनौतियों से जूझने को मजबूर है. हालांकि अब सरकार का दावा है कि जल्द ही प्रदेश के किसानों को संकट से उबार कर लाभ की स्थिति में लाया जाएगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 15 साल तक खुद को किसान बताने वाले शिवराज सिंह चौहान के शासन के बाद अब कारपोरेट मुख्यमंत्री कमलनाथ किसानों की समस्याओं का हल कब तक निकाल पाते हैं.

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