होशंगाबाद। हमेशा टॉम एंड जेरी की तरह लड़ने और एक-दूसरे को चिढ़ाने वाले भाई बहन का प्यार रक्षा बंधन के दिन एक अलग ही रूप में दिखाई देता है. वैसे तो टॉम एंड जेरी की नटखट लड़ाइयां भी तो प्यार ही है. जिसमें दोनों एक दूसरे के बगैर रह भी नहीं सकते. रक्षा बंधन का त्योहार एक ऐसा ही पर्व है. जिस दिन हर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है और हर बहन अपने भाई की कलाई में प्यार बांधती है. 3 अगस्त को रक्षा का पर्व रक्षाबंधन मनाया जा रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल रक्षाबंधन कुछ फीका रहने वाला है.
बॉर्डर पर तैनात जवान की कलाई रहेगी सूनी, बहन की रक्षा से पहले है देश की रक्षा - बॉर्डर पर तैनात जवान की कलाई रहेगी सूनी
रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार भाई बहन के रिश्ते को दर्शाता है. वहीं सेना पर देश की रक्षा करने वाले जवानों की बहनों की राखी इस बार भाई के इंतजार में रखी रह गई हैं.
राखी के दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन को तोहफा देता है, लेकिन महामारी के कारण इस साल कई भाई बहन एक दूसरे से दूर हैं और मिल नहीं पाएंगे. इनमें कुछ ऐसी भी बहनें हैं. जिनके भाई इस समय मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य बखूबी निभा रहे हैं. समूचे जिले में संभवत सिवनी मालवा तहसील का खारदा गांव एकमात्र ऐसा गांव है. जहां 17, 18 परिवारों में से 13 नौजवान सेना में भर्ती होकर देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे हैं, लेकिन भाई बहनों के त्योहार पर उनके घर सूने पड़े हुए हैं. बहनें तो अपने ससुराल से घर भाई को राखी बांधने के लिए आई है, लेकिन भाई देश की सीमा पर लाखों-करोड़ों बहनों की रक्षा करने के लिए सीमा पर तैनात है. इन बहादुर बहनों को अपने भाइयों के द्वारा सेना में दी जा रही सेवाओं पर नाज है.
बहनों का कहना है कि उन्हें अपने भाइयों पर गर्व है. बेशक इस वर्ष वह अपने भाइयों को राखी नहीं पहना पाएंगी, लेकिन उनके भाइयों द्वारा देश की रक्षा की जा रही है. आज पूरे देश में भाई और बहनों के इस पवित्र त्योहार को धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में सिवनी मालवा तहसील के उन 13 परिवारों में सन्नाटा पसरा पड़ा है, जहां के जवान बेटे देश की सीमा पर तैनात देश की रक्षा में जुटे हुए हैं.