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MP: ये कैसी स्थानांतरण नीति? बोरिया-बिस्तर लेकर पहुंचे गुरूजी, खोज रहे स्कूल

मध्यप्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है क्योंकि काउंसलिंग में बड़ी खामियां सामने आ रही हैं, जहां पद खाली नहीं है, वहां भी शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया है, जबकि कई ऐसे स्कूल भी हैं, जो सिर्फ सरकारी फाइलों में ही दर्ज हैं.

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Published : Aug 27, 2019, 9:02 PM IST

बोरिया-बिस्तर लेकर पहुंचे गुरूजी, खोज रहे स्कूल

होशंगाबाद। प्रदेश सरकार स्थानांतरण नीति के तहत सभी विभागों में स्थानांतरण का काम पूरा कर चुकी है, लेकिन शिक्षा विभाग में संकुल प्राचार्य की लापरवाही और पोर्टल पर सही जानकारी अपलोड नहीं होने की वजह से शिक्षा विभाग का काम पिछड़ गया है.
शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए विभाग ने स्कूलों में रिक्त शिक्षकों का पद भरने की प्रक्रिया पूरी कर रही है, इस प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार अपने पसंदीदा स्कूलों में स्थानांतरित किया जा रहा है, लेकिन स्कूल में शिक्षकों की संख्या निर्धारित होने के बाद भी उन्हें उचित स्थान देने की कोशिश जारी है, जिसके चलते अब शिक्षकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

बोरिया-बिस्तर लेकर पहुंचे गुरूजी, खोज रहे स्कूल
मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिले में शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया है, लेकिन जिस स्कूल में किया गया है, वहां पद रिक्त ही नहीं है तो कहीं पोर्टल पर खाली पद दिख रहा है. वहीं कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की गई थी, जहां अन्य जिले से आए शिक्षकों को बैठाया गया था, ऐसे में करीब ढाई सौ शिक्षकों को बुलाया गया था.प्रकिया शुरू होने के साथ ही अध्यापक एवं सहायक अध्यापकों ने विसंगतियों का आरोप लगाते हुए शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है क्योंकि कुछ स्कूलों को जिनमें शिक्षकों को पदस्थ किया जाना था, वे स्कूल उस गांव में या तो हैं ही नहीं, या स्कूल में पद रिक्त ही नहीं हैं. काउंसलिंग प्रकिया में पहुंचे शिक्षकों ने आरोप लगाया कि कुछ शिक्षकों को राजनीतिक अथवा व्यक्तिगत प्रभाव का लाभ दिया जा रहा है, फिलहाल शिक्षा विभाग इन विसंगतियों को दूर करने का प्रयास कर रहा है.

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