MP: ये कैसी स्थानांतरण नीति? बोरिया-बिस्तर लेकर पहुंचे गुरूजी, खोज रहे स्कूल
मध्यप्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है क्योंकि काउंसलिंग में बड़ी खामियां सामने आ रही हैं, जहां पद खाली नहीं है, वहां भी शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया है, जबकि कई ऐसे स्कूल भी हैं, जो सिर्फ सरकारी फाइलों में ही दर्ज हैं.
होशंगाबाद। प्रदेश सरकार स्थानांतरण नीति के तहत सभी विभागों में स्थानांतरण का काम पूरा कर चुकी है, लेकिन शिक्षा विभाग में संकुल प्राचार्य की लापरवाही और पोर्टल पर सही जानकारी अपलोड नहीं होने की वजह से शिक्षा विभाग का काम पिछड़ गया है.
शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए विभाग ने स्कूलों में रिक्त शिक्षकों का पद भरने की प्रक्रिया पूरी कर रही है, इस प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार अपने पसंदीदा स्कूलों में स्थानांतरित किया जा रहा है, लेकिन स्कूल में शिक्षकों की संख्या निर्धारित होने के बाद भी उन्हें उचित स्थान देने की कोशिश जारी है, जिसके चलते अब शिक्षकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है.