होशंगाबाद। नगरीय विकास एवं आवास विकास विभाग ने होशंगाबाद नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल को कार्यकाल से तीन दिन पहले ही पद से हटा दिया. विभाग ने खंडेलवाल के चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
कार्यकाल खत्म होने से पहले नपाध्यक्ष की छुट्टी
जानकारी के मुताबिक नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल के खिलाफ चार शिकायतें नगरीय विकास एवं आवास विभाग और आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में की गई थी, जिनमें से दो शिकायतों को सही पाते हुए ये आदेश जारी किया गया है. नपाध्यक्ष को मुख्य रूप से सड़क निर्माण और वाहन अधिग्रहण में पद के दुरुपयोग के आरोप में दोषी पाया गया है.
खंडेलवाल को नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 51 के तहत प्राप्त शक्तियों के दुरुपयोग के साथ ही अधिनियम 1961 की धारा 3 के अंतर्गत भी नगर पालिका की राशि का भी दुरुपयोग का आरोपी माना गया है.
चुनाव नहीं लड़ सकेंगे खंडेलवाल
आर्थिक अनियमितताओं के लगाए गए आरोप पर अध्यक्ष को दोषी करार देते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग ने अखिलेश खंडेलवाल को नगर पालिका में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या किसी भी समिति के अध्यक्ष पद का पद अगली आदेश तक रोक लगाई गई है
इन मामलों में पाया गया दोषी
अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल को शहर में सड़क निर्माण टेंडर स्वीकृति में दोषी पाया गया है. खंडेलवाल ने पद का दुरुपयोग कर अधिक राशि वाले निविदा को पद के टेंडर स्वीकृत किया गया है. दूसरे मामले में स्थाई रूप से जो वाहन किराए पर लगाया गया था. उसका उपयोग करने का अधिकार नगरी निकाय के अध्यक्ष को नहीं होता है, लेकिन विशेष आवश्यकता होने पर कार किराए पर ली जा सकती है, जिसमें आर्थिक अनियमितता करते हुए कलेक्टर गाइडलाइन से भी अधिक 29 हजार की दर पर एक कार को भुगतान किया गया, जो कि भ्रष्टाचार एवं नियमों का उल्लंघन माना गया है.
जिले में नगर निकाय में लगभग सभी नगर पालिका में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, जिसमें सिवनी मालवा नगर पालिका अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया जा चुका है. अब होशंगाबाद नगर पालिका अध्यक्ष को भी भ्रष्टाचार के तहत हटाया गया है. इटारसी नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच जारी है.