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जंगली जानवरों से त्रस्त किसानों ने DFO से लगाई मदद की गुहार

होशंगाबाद में जंगली जानवरों के खेतों में फसलों को तबाह करने से किसानों में भारी नाराजगी है. जंगली जानवर खड़ी फसलों को नष्ट कर देते हैं, इसी से परेशान किसान वन विभाग के अधिकारियों से मिलने पहुंचे.

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Published : Dec 24, 2019, 10:22 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 11:05 PM IST

Farmers troubled by wild animals
जंगली जानवरों से परेशान हुए किसान

होशंगाबाद।जिले में जंगली जानवारो ने किसानों कि नाक में दम कर रखा है. दरअसल खेतों में खड़ी फसलों को जंगली जानवरों नष्ट कर देते हैं, जिसके चलते किसानों को खासा नुकसान झेलना पड़ता है. इसी बात को लेकर किसान मुख्य वन संरक्षक अधिकारी से मुलाकात कर पहुंचे, साथ ही इस समस्या के समाधान पर चर्चा भी की. वहीं इसे लेकर मिलने वाले मुआवजे को लेकर जानकारी भी ली.

जंगली जानवरों से परेशान हुए किसान

वहीं किसानों का कहना है कि जंगली जानवर जैसे बंदर, हिरण, सुअर बड़ी मात्रा में फसलों को चौपट कर रहे हैं, जिसको लेकर उन्होंने ज्ञापन सौंपा. वन विभाग अधिकारी का कहना है कि किसानों को जंगली जनवरों से हुए नुकसान और मुआवजे के संबंध मे जानकारी नहीं होती, इसलिए इसे उपलब्ध कराया जा रहा है.

क्या है मुआवजे का प्रावधान ?
जंगली जानवरों के फसल को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद वन प्रमंडल पदाधिकारी या डीएम को आवेदन दिया जाता है. जिसके बाद आवेदन के आधार पर जांच कराई जाती हैं.जांच में फसल की क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट तैयारी की जाती हैं. जिसके बाद सरकार को राशि आवंटित करने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा. आवंटन प्राप्त होते ही किसानों को मुआवजा की राशि दे दी जाती हैं.

जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद किसानों को राहत देने के लिए फॉरेस्ट एक्ट-1972 में प्रावधान किया गया है. वहीं राज्य सरकार ने भी 2008 में एक्ट में संशोधन कर इसे और सुगम बना दिया है. लेकिन जानकारी के अभाव में किसान इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं.

Last Updated : Dec 24, 2019, 11:05 PM IST

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