हरदा। जिले में मंगलवार को किसानों की कर्ज माफी को लेकर ऋण माफी शिविर का आयोजन किया गया. जिले की कई बैंकों के करीब 5 हजार से अधिक किसानों ने इस योजना के लिए पिंक फॉर्म जमा किए हैं. जिनमें से सबसे अधिक मामला जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत काम करने वाली सोसायटी से जुड़े किसानों का हैं. खेड़ा और नीमगांव सोसायटी के किसानों ने पूर्व कर्मचारियों पर धोखे से उनके नाम पर फर्जी ऋण चढ़ाने का आरोप लगाया है.
कर्ज माफी शिविर में नीमगांव और खेड़ा सोसायटी नहीं बता पाई अपना रिकॉर्ड
हरदा जिले में मंगलवार को किसानों की कर्ज माफी को लेकर ऋण माफी शिविर का आयोजन किया गया. जिले की कई बैंकों के करीब 5 हजार से अधिक किसानों ने इस योजना के लिए पिंक फॉर्म जमा किए हैं.
कलेक्टर के निर्देश पर कृषि विभाग के ने जनपद पंचायत में ऋण माफी शिविर का आयोजन किया. शिविर में एसडीएम एच एस चौधरी और कृषि उप संचालक एमपीएस चंद्रावत ने किसानों की बात सुनी लेकिन बैंक के अधिकारियों ने खेड़ा और नीमगांव सोसायटियों के किसानों के कर्ज लेने के रिकॉर्ड को उपलब्ध नहीं कराया गया. जिसे लेकर मौजूद किसानों ने नाराजगी जताते हुए उनसे कर्ज नहीं लेने के बाद भी उन्हें कर्जदार होने की बात बताई. किसानों का कहना है कि उन्हें शिविर में बुलाया तो गया लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया.
एसडीएम चौधरी ने बताया कि कर्ज माफी को लेकर आयोजित शिविर में पिंक फॉर्म भरने वाले किसानों को बुलाया गया था. लेकिन खेड़ा और नीमगांव सोसायटी ने रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया. जिसके चलते अब यहां के किसानों को जिलास्तरीय समिति से निराकरण किया जाएगा. वहीं अगर समिति ने वहां भी अपना रिकॉर्ड नहीं बताया तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.