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एमपी में यूरिया की कमी नहीं, कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई: कृषि मंत्री कमल पटेल - यूरिया की कालाबाजारी

कृषि मंत्री कमल पटेल ने चेतावनी दी है कि, एमपी में यूरिया की कालाबाजारी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही उन्होंने भरोसा दिया है कि, किसी भी किसान को अब यूरिया के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. पढ़िए पूरी खबर.

Agriculture Minister Kamal Patel
कृषि मंत्री कमल पटेल

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Published : Oct 16, 2020, 9:08 PM IST

हरदा। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दावा किया है कि, मध्यप्रदेश में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है. उन्होंने भरोसा दिया है कि, हर किसान को यूरिया की पूर्ति की जाएगी. प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 22 लाख मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड की है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी है, लिहाजा अब किसानों को यूरिया के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.

कृषि मंत्री कमल पटेल का बयान

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि, बीते साल अक्टूबर माह में प्रदेश में 2,28,000 मीट्रिक टन यूरिया आई थी, लेकिन इस साल अक्टूबर माह में प्रदेश को 5 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिल चुकी है, जो कि बीते साल से दोगुने से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि, यदि कोई संस्था या खाद विक्रेता के द्वारा किसी भी किसान से यूरिया के निर्धारित मूल्य 266 से अधिक रुपए लिए जाते हैं, तो संबंधित किसान के द्वारा कमल सुविधा केंद्र पर शिकायत दर्ज कराने के बाद उस विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, इस साल रवि सीजन में पूरे प्रदेश के किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक खाद उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं 55 फीसदी हिस्सा सहकारी समितियों के द्वारा किसानों को वितरित किया जाएगा. शेष 45 प्रतिशत बाजार से बेचा जाएगा. उन्होंने कहा कि, ब्लैक मार्केटिंग करने वाले प्रदेश में किसानों के बीच जाकर खाद की कमी की बात कर रहे हैं, जबकि पूरे प्रदेश में कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है.

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मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, प्रदेश के करीब 9 से 10 जिलों में चने के साथ तिवड़ा मिक्स होकर बिक्री के लिए लाया जाता था, जिसको लेकर किसानों को समर्थन मूल्य पर चना बेचने में परेशानी आती थी. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन सभी जिलों में उच्च क्वालिटी का बीज 50 फीसदी सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि उनके द्वारा चने की फसल को बेचने में कोई परेशानी ना होने पाए.

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