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लाइलाज बीमारी से जूझ रहा सबसे बड़ा टीबी अस्पताल, जहां पहुंचकर और भी बीमार हो जाते हैं मरीज - सबसे बड़े टीबी अस्पताल की हालत बेहाल

एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने का अभियान चला रही है, लेकिन मध्य भारत के सबसे बड़े टीबी अस्पताल की जर्जर स्थिति कुछ और ही बयां करती है.

the largest tb hospital condition serious

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Published : Mar 24, 2019, 12:19 AM IST

ग्वालियर| एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने का अभियान चला रही है, लेकिन मध्य भारत के सबसे बड़े टीबी अस्पताल की जर्जर स्थिति कुछ और ही बयां करती है. ग्वालियर-चम्बल अंचल का सबसे बड़ा टीबी अस्पताल आज बंद होने की कगार पर है क्योंकि यहां मरीज अपना इलाज कराने के लिए आते तो हैं, लेकिन अस्पताल की गंदगी-अवस्था देख और बीमार हो जाते हैं, जबकि अस्पताल को डॉक्टरों ने स्टाफ के भरोसे छोड़ रखा है.

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दरअसल, जेएएच परिसर में बने सबसे बड़े टीबी अस्पताल की हालत बेहद खराब है, चारों तरफ गंदगी फैली हुई है, मरीजों के वार्डों में धूल जमा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी को लेकर अस्पताल प्रबंधन कितना लापरवाह है. इस अस्पताल में तीन डॉक्टर पदस्थ हैं, जिसमें से एक डॉक्टर छोड़कर चला गया है. इस अस्पताल की बदहाल अवस्था देखकर डॉक्टर आने से पहले ही छोड़कर चले जाते हैं तो मरीजों की क्या हालात होगी. अभी अंचल से लगभग रोजाना 100 से 200 टीबी के मरीज आते हैं, जिसमें हर महीने जेएएच अस्पताल में लगभग 10 से 12 मरीजों की मौत हो जाती है.

जेएएच अस्पताल के अधीक्षक अशोक मिश्रा का कहना है कि टीबी अस्पताल के पास 1000 बेड का नया अस्पताल बन रहा है. जिसके कारण धूल पहुंच जाती है, साथ ही नया अस्पताल बनने के बाद इसको वहां शिफ्ट कर दिया जायेगा.

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