ग्वालियर। ग्वालियर के साथ-साथ पूरे जिले में धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी करते हुए कोचिंग सेंटर खुल रहे हैं. जिसमें छात्रों कि सुरक्षा हेतु कोई भी इंतजाम मौजूद नहीं है. इस पर उप महाधिवक्ता ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच में याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग से जवाब तलब किया था. नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने शपथ पत्र के द्वारा जो जवाब कोर्ट को भेजा था. उस पर हाईकोर्ट ने असहमति जताई है.
धड़ल्ले से खुल रहे कोचिंग सेंटरों पर लगी हाईकोर्ट में याचिका, कोर्ट का आदेश बनाई जाए गाइडलाइन - Deputy Advocate General
ग्वालियर जिले में कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा के लिए उप महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कि थी. जिस पर कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख से जवाब मांगा था, जिसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर के लिए गाइडलाइन बनाने सरकार को 4 से 6 महीने तक का वक्त लग सकता है.
दरअसल पूर्व उप महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. शहर में चल रहे कोचिंग सेंटर के चालक तमाम सुरक्षा मानकों को दरकिनार करते हुए संचालन कर रहे हैं. किसी भी तरह की अनहोनी होने पर छात्रों के बचने के कोई इंतजाम इन सेंटरों में उपलब्ध नहीं हैं, जिसके लिए गाइडलाइन बनना अनिवार्य है.
नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने अपने शपथपत्र में जवाब देते हुए कहा कि कोई भी गाइडलाइन तय करने के लिए पहले वरिष्ठ सचिवों की बैठक होगी. जिसमें प्रस्ताव बनाया जाएगा. जिसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया जाएगा और फिर राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. चूकि विधानसभा सत्र अभी नहीं चल रहा है जिसके कारण 4 से 6 महीनें का वक्त लग सकता है. बता दे कि प्रमुख सचिव के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने अगते हफ्ते फिर सुनवाई रखी है .