ग्वालियर।15 मई से प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों, अधिकारी-कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा है. हालत ये बन गए हैं कि ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय की स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की 25 मई से शुरू होने वाली परीक्षाएं अब 29 मई से शुरू होंगी. विश्वविद्यालय प्रबंधन इस बात को भी स्वीकार कर रहा है कि अगर आंदोलन आगे भी जारी रहा तो परीक्षाओं के मूल्यांकन और रिजल्ट घोषित करने में देरी होगी. विश्वविद्यालय के कर्मचारी-अधिकारी के हड़ताल पर जाने के कारण सबसे ज्यादा असर उन छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है, जो जीवाजी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं. अगर आंदोलन जारी रहा तो परीक्षाओं के साथ-साथ मूल्यांकन और रिजल्ट भी देरी से घोषित होगा. ऐसी स्थिति में जीवाजी विश्वविद्यालय अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय में मूल्यांकन कराने के लिए परीक्षा कॉपियां भेजेगा.
प्रशासनिक कामकाज ठप :इसके साथ ही विश्वविद्यालय में रोजाना ऐसे छात्र आते हैं जिनकी मार्कशीट या अन्य समस्याएं होती हैं, लेकिन इस आंदोलन की वजह से जीवाजी विश्वविद्यालय के चक्कर काटते रहते हैं. उनकी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है. छात्रों का कहना है कि हड़ताल की वजह से कर्मचारी और शिक्षक अपने दफ्तर में नहीं बैठ रहे हैं. इस कारण जो अंकसूची या परीक्षा से संबंधित कामकाज है, वह नहीं हो पा रहा है और वह भटक रहे हैं. दूसरी ओर, मध्य प्रदेश शासकीय विश्वविद्यालय पेंशनर कर्मचारी, अधिकारी एवं शिक्षक संयुक्त संघर्ष समिति 9 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से प्रदेश स्तरीय आंदोलन कर रहा है. आंदोलनकारी अब सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं.