ग्वालियर। अंचल में इस बार सूखे के हालात बन गए हैं. पिछले 22 दिनों से सिर्फ 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जो अब तक सबसे कम बारिश मानी जा रही है. इसका असर आसपास के किसानों की फसल पर भी पड़ रहा है. रबी की फसलें गेहूं, चना, सरसों और मटर का रकबा भी इस बार कम रहने की संभावना है. जमीन में नमी नहीं होने के कारण सरसों की बुवाई भी कम क्षेत्र में हो सकती है. इस बार मौसम की भविष्यवाणी कई बार झूठी साबित हुई हैं. ग्वालियर जिले में 690 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान रिकॉर्ड है. ग्वालियर में पिछले 22 दिनों से 517 मिलीमीटर का आंकड़ा बढ़ा नहीं है. ग्वालियर संभाग से मानसून की विदाई एक तरह से हो चुकी है. ग्वालियर में गेहूं का रकबा लगभग 130000 हेक्टेयर में होता है जबकि सरसों का रकबा करीब 40000 हेक्टयर का होता है. लेकिन इस बार इन दोनों रकबों में कमी हो सकती है.
पर्याप्त नमी नहीं होने की वजह से फसलों पर खतरा
पर्याप्त नमी नहीं मिलने से सरसों और गेहूं सहित चना और मटर के लिए किसानों के लिए परेशानी बढ़ सकती है. कृषि महाविद्यालय के डीन जेपी दीक्षित ने कहा कि अभी थोड़ी बहुत उम्मीद बची है, यदि पानी गिरता है तो यह सरसों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वहीं किसानों को जिनके पास पानी की व्यवस्था है वे अपने यहां खेतों को निरंतर सिंचाई करते रहें क्योंकि गेहूं में पानी ज्यादा लगता है कुल मिलाकर किसान इस बार की बारिश से बेहद उदास हुए हैं.
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