ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते लंबे अरसे से लॉकडाउन जारी है. जिसकी वजह से शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी पूरी तरह से बंद है. शहर में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा बंद होने से ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इनमें ज्यादातर लोग गरीब तबके के हैं. उन्हें सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है. इनमें कई लोगों को घर भी चलाना है और ऑटो की किस्त भी भरनी है. ऐसे में उन्हें आने वाले दिनों में लॉकडाउन बढ़ने की चिंता सता रही है.
ऑटो चालकों के घरों की अर्थव्यवस्था का थमा पहिया, लॉकडाउन आगे बढ़ा तो कैसे कमाएंगे रूपया ? - livelihood crisis
लॉकडाउन की वजह से ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. जिसके चलते उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट
ऑटो संचालक रशीद खान और लल्ला कुशवाहा का कहना है कि बीते कई दिनों से कमाई का कोई जरिया ही नहीं बचा है. थोड़े-बहुत पैसे थे, वो खत्म हो गए हैं. ऐसे में घर का राशन, बच्चों की फीस कैसे भर पाएंगे. वहीं अगर किसी सदस्य की तबीयत खराब हो जाती है तो, उनके इलाज के लिए पैसे तक नहीं हैं. अब तो बस सरकार से ही उम्मीद है.