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Veterinary Hospital Locked: विधानसभा चुनाव बना बेजुबान जानवरों के लिए आफत, जानिए आखिर क्या है वजह

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 9:52 AM IST

Updated : Oct 18, 2023, 10:06 AM IST

विधानसभा चुनाव बेजुबान जानवरों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. दरअसल ग्वालियर स्थित संभागीय पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों की ड्यूटी चुनावी प्रशिक्षण कार्य में लगा दी गई है. नतीजा यह है कि अस्पताल आने वाले बीमार जानवरों को इलाज नहीं मिल रहा है.

hospital doctor veterinary problem
चुनावों का असर बेजुबानों के इलाज पर

ग्वालियर संभागीय पशु चिकित्सालय पर लटका ताला

ग्वालियर।संभागीय पशु चिकित्सालय में सोमवार को कार्य दिवस होने के बावजूद ताला लटका रहा. कारण यहां के सभी चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ की ड्यूटी चुनाव प्रशिक्षण कार्य में लगा दी गई थी. खास बात यह है कि यहां हर रोज लगभग 80 जानवरों की ओपीडी होती है लेकिन सोमवार को पशुपालक अपने मवेशी लेकर वहां पहुंचे तो जरूर, लेकिन उन्हें वहां से निराश होकर लौटना पड़ा. कई मवेशी जिन में गाय भैंस कुत्ते और अन्य जानवर थे. उन्हें गंभीर बीमारी होने के बावजूद चिकित्सीय परीक्षण नहीं मिल सका, वे वापस लौट गए.

चुनाव प्रशिक्षण में पशु चिकित्सकों की ड्यूटी: दरअसल आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों जिला निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में चुनाव प्रशिक्षण कार्य चल रहा है. हेम सिंह की परेड स्थित संभागीय पशु चिकित्सालय में सिविल सर्जन सहित चार डॉक्टर और अन्य स्टाफ तैनात है. लेकिन सोमवार को जब चिकित्सालय में अपने मवेशियों को लेकर पशुपालक पहुंचे तब उन्हें वहां एक नोटिस चस्पा मिला जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया था कि चिकित्सकों की ड्यूटी चुनाव प्रशिक्षण कार्य में होने के कारण वे यहां अपनी सेवाएं नहीं दे सकते हैं. इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉ. अनिल अग्रवाल से बात की गई तो वह भी प्रशिक्षण कार्य में व्यस्त मिले.

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अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा बेजुबान भुगत रहे: सिविल सर्जन डॉ. अनिल अग्रवाल ने कहा कि ''ओपीडी की समस्या को लेकर उन्होंने संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को पत्र लिखकर अवगत करा दिया था, लेकिन वहां से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है.'' कुल मिलाकर अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा बेजुबान पशु भुगत रहे हैं. जानकार मानते हैं कि कम से कम एक चिकित्सक की तैनाती इस संभागीय पशु चिकित्सालय में हर समय होनी चाहिए. क्योंकि यहां दूरदराज से पशुपालक अपने जानवरों को लेकर आते हैं, लेकिन चुनाव के कारण समय पर चिकित्सा नहीं मिलने से कई जानवर असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं.

Last Updated : Oct 18, 2023, 10:06 AM IST

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