इंडियन मोनालिसा शालभंजिका ग्वालियर।ग्वालियर व्यापार मेले में इंडियन मोनालिसा के नाम से मशहूर शालभंजिका चर्चाओं में है. अगर आप मेला घूमने के लिए आ रहे हैं, तो यह शालभंजिका की मूर्तियां बेहद कम दामों में आपको मिल जाएगी. मतलब विश्व की सबसे महंगी मूर्ति जिसकी कीमत लगभग 200 करोड़ से अधिक है, उसकी हूबहू मूर्तियां महज 200 से 600 रुपए में ग्वालियर व्यापार मेले में उपलब्ध हैं.
मेला में ऐतिहासिक प्रतिमाओं की प्रतिकृति उपलब्ध:मध्यप्रदेश पुरातत्व विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए ग्वालियर में व्यापार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शनी के माध्यम से विभिन्न ऐतिहासिक प्रतिमाओं की प्रतिकृति का भी विक्रय किया जा रहा है. इस मेले में सबसे अधिक मांग इंडियन मोनालिसा के नाम से प्रसिद्ध शालभंजिका की प्रतिमा की जा रही है. विश्व प्रसिद्ध इस प्रतिमा को लोग अपने घर की शोभा बढ़ाने की लिए भारी डिमांड में रखते हैं.
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मूर्ति विक्रेता ने और मंगवाई प्रतिकृति प्रतिमा:प्रदर्शनी प्रभारी अनूप भट्ट ने बताया कि, "मेले में विभिन्न प्रकार की ऐतिहासिक प्रतिमाओं की प्रतिकृति को बेचने के लिए लाया गया है. जिनमें बुद्ध, नृत्य गणेश, कुबेर, बुद्ध पद्मासन, शालभंजिका सहित लगभग 10 प्रकार की मूर्तियों की प्रतिकृति मेले में लाई गई है. इनमें शालभंजिका प्रतिमा की सर्वाधिक मांग कि जा रही है. मेले में यह मूर्ति 3 प्रकार में उपलब्ध है. बड़ी मूर्ति 650 रुपए, मीडियम 250 रुपए, और छोटी मूर्ति की कीमत 150 रुपए है. सबसे ज्यादा मांग बड़ी और छोटी मूर्ति की हो रही है. अनूप ने बताया कि, उनके पास सभी साइज की मूर्ति थी जो की महज 8 से 10 दिन में ही बिक गई थी, लेकिन अब लोगों की मांग को देखते हुए हमने विभाग को 100 मूर्ति और भेजने के लिए पत्राचार किया है. अभी तक मूर्ति हमें ही उपलब्ध नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से रोजाना हो रही प्रतिमा की डिमांड को हम पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
मोनालिसा की मुस्कान से मूर्ति की तुलना:10वीं शताब्दी की यह मूर्ति इंडियन मोनालिसा के नाम से देश विदेश में बहुत अधिक प्रसिद्धि पा चुकी है. इसकी प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जब यह मूर्ति विदेशों में एग्जीबिशन के लिए ले जाई जाती है तो इसकी बीमा राशि करोड़ों में होती है. इतना ही ओरिजिनल शालभंजिका की मूर्ति वर्तमान में ग्वालियर के गुजरी महल संग्रहालय में रखी हुई है, जिसकी सुरक्षा के लिए विशेष रूप से सरकार द्वारा 4 गार्ड भी लगाए गए हैं. मूर्ति की खासियत है कि, इस मूर्ति को आप सामने की तरफ से तीनों दिशाओं से भी देखते हैं, तो यह मूर्ति आपको मुस्कुराती हुई और एक ही रूप में नजर आएगी. इसके अलावा इसकी मुस्कान इतनी प्रभावशील है कि किसी भी व्यक्ति का मूड बदल सकती है. विदेशों में इसकी तुलना लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा की मुस्कान से की जाती है.