पीड़िता के अधिवक्ता अनिल मिश्रा ग्वालियर।जिले के बहुचर्चित दलित नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी है, जिसमें उसने एक तरह से आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है. साथ में सीबीआई ने कहा कि लड़की से उसके कथित प्रेमी ने शारीरिक संबंध बनाए थे, जिस जगह यह घटना हुई थी वह ठेकेदार गंगा सिंह भदोरिया का मकान था. उनका नाती आदित्य भदोरिया भी वहां मौजूद था, लेकिन दलित लड़की के अधिवक्ता ने सीबीआई की जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी आपत्तियों पर अब हाईकोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई होगी. उनका कहना है कि जिन बिंदुओं पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे. उस पर सीबीआई ने कोई जांच ही नहीं की है. लड़की के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुए थे. लड़की को रात भर थाने में रखकर पुलिस द्वारा उसके पिता सहित मारा-पीटा गया था. इस बारे में भी सीबीआई की जांच में कोई तथ्य सामने नहीं आया है. इस मामले में पुलिस जांच में गंभीर लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी.
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31 जनवरी 2021 की रात में हुआ ये घटनाक्रमःइसी के चलते इस मामले को सीबीआई के हवाले किया गया था, लेकिन अब सीबीआई की जांच ने तो मामले की दिशा ही बदल दी है और आरोपी एवं आदित्य भदोरिया के खिलाफ दुष्कर्म और दलित उत्पीड़न के मामले पर सीबीआई ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है. गौरतलब है कि 31 जनवरी 2021 की रात में हुए इस घटनाक्रम को लेकर तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. मामला चूंकि दलित नाबालिग लड़की से जुड़ा था और आरोपी दबंग और प्रभावशाली लोग थे. पुलिस ने भी उनका साथ दिया था. इसलिए हाईकोर्ट ने इस मामले से जुड़े सात पुलिस अफसरों को ग्वालियर चंबल संभाग से 500 किलोमीटर से दूर तैनात करने के निर्देश दिए थे. इनमें तत्कालीन एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर, सीएसपी मुरार आरएन पचौरी, निरीक्षक प्रीति भार्गव, टीआई अजय सिंह पवार, दो सब इंस्पेक्टर व एक अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.
पीड़िता ने एडीजे कोर्ट में दिया था बयानःपीड़िता ने एडीजे कोर्ट में बयान दिया था कि उसे रात भर पुलिसकर्मियों ने डंडे और झाड़ियों से पीटा और माता-पिता को बंधक बनाकर थाने में रखा, साथ में कहा कि पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी. इसमें मुरार थाने के तत्कालीन टीआई अजय सिंह पवार, सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय पर लड़की ने सीधा आरोप लगाया था. लड़की का यह भी कहना था कि गंगा सिंह भदोरिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं. टीआई मुरार अजय सिंह पवार उसी के कहने पर जांच और उसके परिवार का उत्पीड़न कर रहा था. यह दलित लड़की सीपी कॉलोनी में रहने वाले एक ठेकेदार के मकान में रहकर वहां घरेलू काम करती थी. उसे दिसंबर 2020 से यह काम मिला था. एक महीने बाद ही उसके साथ गंगा सिंह भदोरिया का नाती और उसका ने दुष्कर्म कर दिया था. लड़की की उस वक्त उम्र 15 साल थी. लड़की के परिजनों ने उसकी उम्र संबंधी दस्तावेज सीबीआई के अधिकारियों के सामने पेश किए थे, लेकिन सीबीआई के अधिकारियों ने उस पर गौर ही नहीं किया और उसे घटना के वक्त बालिग माना, जबकि उसकी उम्र उस समय 15 साल थी.
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पीड़ित लड़की के परिवार पर किया जानलेवा हमलाः इस मामले में पीड़ित लड़की का यह भी कहना है कि उसे और उसके परिवार को लगातार आरोपियों की ओर से धमकियां मिल रही थीं. इसी के चलते 12 फरवरी को उसके पिता पर मुरार बिजौली मार्ग पर बाइक से जाते समय हमला किया गया. उस पर गोलियां चलाई वह एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहे. पीड़ित लड़की ने इस मामले में अभय सिंह सेंगर. कमल सिंह भदोरिया. गजेंद्र सिंह सिकरवार पर अपने पिता पर हमला करने का आरोप लगाया है. इन्हीं लोगों के द्वारा उसके परिवार पर इस मामले में समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. हाईकोर्ट में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट एवं अभियोजन अधिवक्ता की आपत्तियों पर 23 फरवरी को जिरह होगी.