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2012 में हुए आरक्षक फर्जीवाड़े केस में ग्वालियर अदालत का फैसला, दो लोगों को सुनाई इतने साल की सजा, ये था पूरा मामला - कोर्ट का फैसला

Gwalior Court News: ग्वालियर जिला अदालत ने एग्जाम फर्जीवाड़े मामले में फैसला सुनाते हुए, दो आरोपियों को चार साल की सजा सुनाई है. इसमें आरोप था कि उम्मीदवार ने अपनी जगह किसी अन्य व्यक्ति से एग्जाम दिलाया है.

Constable Recruitment Exam 2012
आरक्षक भर्ती परीक्षा में ग्वालियर अदालत का फैसला

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 5:49 PM IST

ग्वालियर। जिला कोर्ट ने कॉन्सटेबल एग्जाम में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में दो लोगों को दोशी पाया है. इनमें गौरव और सह आरोपी सोल्वर योगेश कुमार को चार साल कारावास की सजा सुनाई है. इन पर आरोप था कि साल 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा (Constable Recruitment Exam) में गौरव ने अपनी जगह पर योगेश कुमार को परीक्षा में बैठाया था. योगेश ने भी रुपयों के लालच में आकर एग्जाम दिया था.

ये परीक्षा जिले के कंपू के एक स्कूल में हुई थी. इनके अलावा, दो आरोपियों पर भी गड़बड़ी का आरोप था, लेकिन दोष सिद्ध नहीं होने पर विष्णु और ललितेश को कोर्ट ने दोष मुक्त कर दिया था.

जानें पूरा मामला: दरअसल, पूरे मामले में फरियादी सुरेश चन्द्र त्रिपाठी (केन्द्राध्यक्ष लक्ष्मी बाई स्मारक उमावि लश्कर) ने थाना जनकगंज में एक लिखित शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया था. इसमें बताया गया कि परीक्षा केंद्र पर व्यापमं की पुलिस आरक्षक परीक्षा आयोजित हो रही है. प्रेक्षकों को सुबह साढ़े 11 बजे टेलीफोन पर सूचना मिली कि गौरवसिंह पुत्र जितेन्द्र सिंह संदिग्ध परीक्षार्थी में है. प्रेक्षक ने हाल में परीक्षार्थी के फोटो हस्ताक्षर चेक किए. इस दौरान अभियार्थी ने टायलेट जाने का अनुरोध किया जिसकी अनुमति उन्हें दी गई.

इस दौरान टायलेट से मौका पाकर वह दीवाल फांदकर भाग गया. इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा गौरव और सह आरोपी सोल्वर योगेश कुमार को चार साल कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, अन्य दो आरोपियों विष्णु और ललितेश को इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में दोष मुक्त कर दिया.

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