ग्वालियर। नकली प्लाज्मा कांड को लेकर लगातार ऐसे खुलासे हो रहे हैं जो सबको हैरान कर रहे हैं. प्लाज्मा कांड को लेकर ईटीवी भारत लगातार पड़ताल करने में जुटा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने नकली प्लाज्मा कांड को लेकर सबसे पहले उच्च अधिकारी से बात की. जिस अधिकारी ने इस नकली प्लाज्मा की जांच की है, उन्होंने बताया कि नकली प्लाज्मा में क्या-क्या मिलावट होता है, और यह मास्टरमाइंड नकली प्लाज्मा कैसे तैयार करता था, यह खुलासा सबसे पहले ईटीवी भारत कर रहा है, क्योंकि जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर एसके मंगल ने ईटीवी भारत से बातचीत की है.
सबसे पहले हम आपको मामला बता देते हैं कि 7 दिसंबर को ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीज की प्लाज्मा चढ़ाने के दौरान मौत हो गई थी, और उसके बाद ग्वालियर में नकली प्लाज्मा का पहला मामला सामने आया था. हालांकि पुलिस इस मामले में मास्टरमाइंड सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं नकली प्लाज्मा को जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया था और उसकी जांच जब डॉक्टर एसके मंगल ने की, तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए.
डॉक्टर एसके मंगल ने बताया कि यह नकली प्लाज्मा जांच के लिए लाया गया था. उसका बैग भी नकली था, क्योंकि सरकारी बैग की क्षमता 180 से 200 एमएल तक होती है. जबकि उस बैग की क्षमता 300 से 400 एमएल की है. इससे साफ हो गया कि नकली प्लाज्मा के साथ-साथ यह बैग भी नकली है, और यह नकली बैग किसी ऑनलाइन कंपनी से खरीदा गया था.
प्रोटीन की मात्रा सामान्य से बेहद कम
जब नकली प्लाज्मा का केमिकल एग्जामिनेशन किया गया, तो जांच में पाया गया कि इस नकली प्लाज्मा में प्रोटीन की मात्रा बहुत कम है. सामान्य तौर पर प्लाज्मा में प्रोटीन की मात्रा 6.8 ग्राम होती है, लेकिन इस नकली प्लाज्मा में 1.8 ग्राम पाई गई. इससे साफ हो गया कि यह नकली प्लाज्मा तीन से चार बार डाइल्यूट किया गया है.
सबसे चौंकाने वाला खुलासा