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ग्वालियर: बिजली बिलों को लेकर आमने-सामने विद्युत वितरण कंपनी और चेंबर ऑफ कॉमर्स - Small medium business

व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था का कहना है कि लॉकडाउन के कारण छोटे मध्यम उद्योग और व्यापारी पहले से ही परेशान हैं. ऊपर से पांच साल पुराने एरियर की राशि चालू बिलों में जोड़ने से उनकी एक तरह से कमर ही टूट जाएगी.

Opposition of industrialists-traders on electricity bill
बिजली बिल को लेकर उद्योगपतियों-कारोबारियों का विरोध

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Published : May 21, 2020, 10:29 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है. जिसमें कंपनी ने पांच साल पुराने एरियर को चालू बिलों में राशि जोड़कर भेज दिया है. व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था का कहना है कि लॉकडाउन के कारण छोटे मध्यम उद्योग और व्यापारी पहले से ही परेशान हैं. ऊपर से पांच साल पुराने एरियर की राशि चालू बिलों में जोड़ने से उनकी एक तरह से कमर ही टूट जाएगी.

बिजली बिल को लेकर उद्योगपतियों- कारोबारियों का विरोध

मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी की नियमावली में भी इसे नियमों के विपरीत बताया गया है. ऐसे में चेंबर का कहना है कि इस राशि की नहीं हटाए जाने पर वे कंपनी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करवाएंगे. हालांकि गुरुवार को विद्युत मंडल के अधिकारियों के साथ हुई चर्चा में चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों को एरियर की राशि चालू बिलों में नहीं जोड़े जाने का आश्वासन मिला है.

5 साल पुराने एरियर का विरोध

इससे पहले भी ग्वालियर और उसके आसपास मौजूद औद्योगिक क्षेत्र में लगी इकाइयों को विद्युत वितरण कंपनी ने लॉक डाउन के कारण उद्योग बंद होने के बावजूद बिल भेजे थे. जिनका व्यापारिक संगठनों के साथ ही चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी विरोध किया था. बाद में इस राशि को समायोजित करने पर सहमति बनी थी. लेकिन एक बार फिर से 5 साल पुराने एरियर का भुगतान नए बिलों में जोड़ने से उद्योगपति और व्यापारी नाखुश हैं.

चेंबर ऑफ कॉमर्स ने लघु मध्यम वर्ग के उद्योगपतियों और कारोबारियों को कहा है कि वह अपने यहां आए बिलों में एरियर की राशि का भुगतान नहीं करें और यदि एरियर की राशि जोड़कर आती है तो उसका संबंधित बिजली कंपनी के अधिकारी को आवेदन के साथ बिल प्रस्तुत करें.

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