मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

जबरन किश्त वसूली नहीं करेंगे बैंक, न ऋणी की प्रॉपर्टी कर सकेंगे नीलामः हाईकोर्ट - reserve bank of india guidelines

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कोविड-19 को लेकर रिजर्व बैंक की गाइड लाइन का हवाला देते हुए ऋणी की प्रॉपर्टी के ऑक्शन पर रोक लगा दी है.

High court
हाई कोर्ट

By

Published : May 29, 2020, 8:27 PM IST

ग्वालियर। अब बैंक लोन वसूली के लिए किसी पर दबाव नहीं बना सकता है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कोविड-19 को लेकर रिजर्व बैंक की गाइड लाइन का हवाला देते हुए कहा है कि कोई भी बैंक किसी भी प्रकार के लोन की किश्त के लिए निर्धारित अवधि में वसूली के लिए दबाव नहीं डाल सकता है. सभी निजी और राष्ट्रीयकृत बैंक, रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के हिसाब से उपभोक्ता से राशि नहीं वसूल सकते हैं और ऋणी की प्रॉपर्टी को बैंक रीऑक्शन नहीं कर सकते हैं.

रिजर्व बैंक की गाइड लाइन

ग्वालियर के गिर्राज एसोसिएट ने दाल बाजार तिराहे पर स्थित केनरा बैंक से करीब 80,00,000 लाख का टर्म लोन लिया था. लोन की किस्त को लेकर ऋणी और बैंक प्रबंधन के बीच विवाद हो गया था, जिसमें इस बात पर सहमति बनी थी कि टर्म लोन की आधी राशि ऋणी पहले जमा करेगा और आधी राशि बाद में जमा की जाएगी. इस बीच लॉकडाउन के चलते गिर्राज एसोसिएट बाकी 50 फीसदी राशि को बैंक में जमा नहीं कर सका.

इस बीच बैंक ने गिर्राज एसोसिएट की प्रॉपर्टी का ऑक्शन निर्धारित कर दिया, जिसे ऋणी ने कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि कोरोना की अवधि में कोई भी बैंक अपने ऋणी से किश्त वसूली के लिए जबरन दबाव नहीं डाल सकता. कोरोना के चलते मार्च से ही देश भर की सभी गतिविधियां अवरुद्ध पड़ी हैं. इसमें बैंक भी अछूते नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इस दौरान एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि बैंक इस दौरान किसी की प्रॉपर्टी को ऑक्शन नहीं किया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details