ग्वालियर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा की आंच पहले ही पूरे देश में फैल चुकी है. अब केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह जिले ग्वालियर से किसान आंदोलन को हवा देते हुए अस्थि कलश यात्रा निकाली गयी है. लखीमपुर हिंसा में मारे गये किसान की अस्थियों की कलश यात्रा चार दिनों तक चलेगी. यात्रा के दौरान आंदोलनरत किसानों ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है.साथ ही कृषि कानून को वापस लेने की अपनी मांग दोहरायी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह जिले से निकाली गयी लखीमपुर हिंसा में मृत किसानों की अस्थि कलश यात्रा
लखीमपुर हिंसा में मारे गये किसानों की अस्थियों के साथ कलश यात्रा की शुरूआत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर से हुई. इस दौरान किसानों ने एकबार फिर कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. साथ ही लखीमपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा मांगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री के गढ़ से यात्रा
मंगलवार से ग्वालियर में अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत हो गई है, जो 4 दिनों में ग्वालियर चंबल अंचल में भ्रमण कर आगे के लिए रवाना होगी. कलश यात्रा को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह तालेकर ग्वालियर आये हैं. पहले अस्थि कलश को किसान सभा की नई सड़क स्थित जिला कार्यालय पर रखा गया था, इसके बाद सुबह किसान महासभा के कार्यकर्ता अस्थि को लेकर महारानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल पहुंचे और यहां पर पुष्पांजली अर्पित कर कलश यात्रा की शुरुआत की गई.
किसान नेता अखिलेश यादव का कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य ग्वालियर चंबल संभाग के किसानों की किसान आंदोलन में भागीदारी बढ़ाना और कृषि कानूनों की हकीकत बताना है. इसके साथ ही लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपियों को जल्द-से-जल्द सजा दिलवाने की भी मांग की. और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग भी दोहरायी.
बता दें कि यूपी के लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन से लौट रहे लोगों पर गाड़ी चढ़ा दी गयी थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गयी थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के आशीष मिश्रा पर गंभीर आरोप है. लखीमपुर हिंसा का पूरे देश में विरोध हुआ था, इस घटना में मारे गये किसानों की अस्थियों के साथ कलश यात्रा की जा रही है.