डिंडौरी। बीती रात रेस्ट हाउस पहुंचे 8 बाबाओं को झूठ बोलना मंहगा पड़ गया. पुलिस इन बाबाओं को अपने साथ कोतवाली ले गयी जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. वीवीआईपी वाहन से डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुंचे इन बाबाओं ने रूतबा दिखाते हुये कलेक्टर से एक तहसीलदार की मांग की थी, जो उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था करे.
ठाठ-बाट के साथ यूपी से एमपी पहुंचे 8 बाबाओं की खुली पोल, प्रशासन को गुमराह करने का आरोप
बीती रात रेस्ट हाउस पहुंचे 8 बाबाओं को झूठ बोलना मंहगा पड़ गया. पुलिस इन बाबाओं को अपने साथ कोतवाली ले गयी जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. वीवीआईपी वाहन से डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुंचे इन बाबाओं ने रूतबा दिखाते हुये कलेक्टर से एक तहसीलदार की मांग की थी, जो उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था करे.
रेस्ट हाउस पहुंचते ही बाबाओं ने बताया था कि वह लालबहादुर शास्त्री अकादमी से आये हैं. इसी बीच कलेक्टर सुरभि गुप्ता के पास फोन आया कि कुछ लोग अमरकंटक जाने के दौरान रेस्ट हाउस में रूकेंगे. जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को उन लोगों की जानकारी देते हुये निर्देशित भी किया था. जब यह 8 बाबा रेस्ट हाउस पहुंचे तो प्रशासन को उनकी बातचीत और वेशभूषा पर शक हुआ, अधिकारियों ने उनसे सख्ती से पूछताछ की और दिल्ली से जानकारी ली तो बाबाओं की सभी बातें झूठी निकलीं.
इन बाबाओं में प्रोफेसर मधु सूदन स्वामी अपने आप को लाल बहादुर अकेडमी का प्रोफेसर बता रहा था. जो जांच के दौरान झूठ साबित हुआ. जिन वाहनों से बाबा वहां पहुंचे थे, वह उत्तरप्रदेश के आगरा आरटीओ में रजिस्टर्ड है. एक लग्जरी वाहन में फर्जी स्टीकर लगा था, जिसमें लालबहादुर शास्त्री भवन लिखा हुआ था, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्य स्वागत अधिकारी द्वारा जारी किया गया था. इधर, मौके पर कोतवाली पहुंचीं कलेक्टर ने बताया कि बाबाओं ने प्रशासन को गुमराह किया है, जिन पर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.