डिंडोरी। प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है. इस लड़ाई में सबसे आगे की पंक्ति में स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी ही खड़े हैं. जितनी चिंता उन्हें आम लोगों की है. उतनी ही चिंता आम नागरिकों को अपने कोरोना वॉरियर्स की भी है. ऐसी मिसाल पेश की है जिले के एक कंप्यूटर प्रोग्रामर उत्पल राज वानखेड़े ने. जिन्होंने अपने बच्चे के कहने पर घर में ही महज दिन में सेनिटाइजर मशीन बना दी.
बेटे के कहने पर पिता ने तीन दिनों में तैयार की सेनिटाइजिंग मशीन, अब जिला अस्पताल में देना चाहते हैं दान
डिंडोरी में अपने बेटे की मांग पर एक पिता ने सेनिटाइजिंग मशीन बना दी और अब वे उसे जिला अस्पताल में दान करना चाहते हैं.
उत्पल राज वानखेड़े कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते वे घर में हैं. इसी दौरान उनके बेटे ने इंटरनेट पर सेनिटाइजर मशीन देखी और कहा पापा आप इसको बना सकते हो. ये लोगों के काम आ सकती है. जिसके बाद उन्होंने इस मशीन को बनाना शुरू कर दिया. फिलहाल मशीन बनकर तैयार है.
वे इस मशीन को जिला अस्पताल में दान करना चाहते हैं. ताकि स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाया जा सके. उत्पल ने बताया कि मशीन में अभी सेंसर नहीं लगे हैं. सेंसर के साथ मशीन की लागत करीब 30 हजार रुपए हो जाएगी.