डिंडौरी। प्रदेश में कुपोषण को नियंत्रित करने के लिये स्वास्थ्य विभाग 10 जून से 20 जुलाई तक दस्तक अभियान चला रहा है. इसके तहत जिले के सभी विकासखंडों से कुपोषित और खून की कमी वाले बच्चों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया जा रहा है. अस्पताल में लगातार खून की कमी वाले बच्चों की तादाद बढ़ रही है, लेकिन जिला अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त खून नहीं है.
दस्तक अभियान पर प्रशासन का पूरा जोर, लेकिन ब्लड बैंक है कमजोर! - डिंडौरी
प्रशासन जोर-शोर से दस्तक अभियान चला रहा है, लेकिन जिला अस्पताल में ब्लड की कमी होने के कारण डॉक्टरों को इलाज करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं इस मामले में ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. बीपी कोले का कहना है कि लोगों में ब्लड डोनेट के प्रति जागरूकता और विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार की कमी के चलते ऐसे हालात बनते हैं. डिंडौरी,शहपुरा,समनापुर,बजाग,करंजिया,मेहदवानी,अमरपुर ब्लाक की अगर बात की जाए, तो डिंडौरी और समनापुर के अलावा किसी और विकासखंड के रक्तदाताओं ने अब तक ब्लड डोनेट के लिए आगे नहीं आये है. जिसके चलते जिले की ब्लड बैंकों में खून की लगातार कमी देखने को मिल रही है.
जिला अस्पताल में फिलहाल विभिन्न ग्रुप के साथ 18 यूनिट सुरक्षित ब्लड है, जो आने वाले बच्चों की संख्या से काफी कम है. ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारी लगातार कैंप लगाकर ब्लड एकत्रित करने की बात कह रहे हैं. वहीं निगेटिव ब्लड मिलना भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है.