धार। होली के त्योहार में रंगों का काफी महत्व होता है, रंगों से खेलना हर किसी को अच्छा लगता है. लेकिन केमिकल युक्त यह रंग आपकी त्वचा और बालों को कई बार नुकसान पहुंचा सकते है. रंगों के इस त्योहार में केमिकल युक्त रंग आपकी खुशी में खलल न डाल सके. इसके लिए जिले में वन विभाग प्राकृतिक फूलों से खास तरह के गुलाल तैयार कर रहा है.
होली पर वन विभाग ने तैयार किए खास तरह के रंग, जानें क्या है इनकी खासियत
रंगों के इस त्योहार में केमिकल युक्त रंग आपकी खुशी में खलल न डाल सके. इसके लिए जिले में वन विभाग प्राकृतिक फूलों से खास तरह के गुलाल तैयार कर रहा है.
वन विभाग ग्रीन इंडिया मिशन के तहत पलाश के फूलों से प्राकृतिक रंग बनाकर बाजार में बेच रहा है. खास बात यह है कि इन रंगों को बनाने के लिए महिलाओं को भी इस मिशन के तहत रोजगार दिया जा रहा है. बता दें कि इस मौसम में पलाश के फूल खिलते है. पलाश के फूलों को पहले एकत्रित कर उन्हें सुखाया जाता है उसके बाद उसे पानी के साथ गर्म कर उसका लेप तैयार किया जाता है. इस लेप से पलाश के फूलों का रंग बनाया जाता है और उस रंग को आरारोट में मिलाकर प्राकृतिक रूप से तैयार किया कर गुलाल बनाया जाता है.
बता दें कि फॉरेस्ट विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से 75 रुपय प्रति किलो के हिसाब से पलाश के फूलों की खरीदी करता है और उससे गुलाल बनाकर बाजार में 300 रुपय प्रति किलों के हिसाब से बेचते हैं. जिससे लोगों को भी रोजगार मिलता है और होली पर भी प्रकृति संरक्षण का संदेश भी जाता है. वहीं ग्राहकों का कहना है कि यह गुलाल प्राकृतिक रूप से पलाश के फूलों से बनाया गया है जिससे इसका त्वचा पर भी कोई बुरा नुकसान नहीं होता है.