धार। जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को 4 दिन में तैयार कर दिया. यह प्लांट 90 दिन में तैयार होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन 150 लोगों की टीम ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर 4 दिन में ही तैयार कर दिया. प्लांट का ट्रायल प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है. 24 घंटे शुद्धता जांच के बाद इस प्लांट से मंगलवार से 40 टन ऑक्सीजन रोज मिलने लगेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी ट्वीट कर 4 दिन में काम पूरा करने वालों को धन्यवाद दिया है.
चार दिन के योद्धाओं को CM का सलाम - जिला प्रशासन ने भी दिया सहयोग
दरअसल औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के सेक्टर-3 में तीन साल से ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा था. इस प्लांट को चालू करने में अनुमानित 3 महीने का समय लगना था, लेकिन 150 लोगों ने 4 दिनों में 24 घंटे की कड़ी मेहनत कर खड़ा कर दिया. अब एकेविन के अधिकारियों की मदद से करीब 40 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन प्रदेशवासियों को मिलेगी. प्लांट को शुरू करने में मुख्य भूमिका जिला प्रशासन और उद्योग विभाग की भूमिका रही. सभी जरूरी मंजूरियां हाथों-हाथ जारी की गईं. वहीं प्लांट तक सड़क भी बनाई गई. नतीजा यह निकला की प्लांट अब पूरी तरह से शुरू हो गया है.
सरकार ने स्वदेशी की जगह विदेशी वैक्सीन का दिया ऑर्डर, खरीदे 45 लाख डोज
- कंपनी के मालिक ने दिए 40 लाख रुपए
इस प्लांट को तैयार करने के लिए कंपनी के मालिक करण मित्तल ने 40 लाख रुपए खर्च किए. मुंबई से ऑक्सीजन मीटर और अहमदाबाद से दूसरी मशीनें मंगवाई गईं. प्लांट हेड निर्मल कुमार तोमर ने बताया 150 लोगों की टीम की मदद से 90 दिन का काम मात्र 4 दिन में कर ऑक्सीजन प्लांट को कंप्लीट किया गया है. वहीं हमारे लिए बड़ी चुनौतियां थी, करीब तीन साल से बंद पड़े प्लांट को शुरू करना. हमारे टेक्नीशियन ने सर्वे किया. उसके बाद अहमदाबाद और मुंबई से टेक्नीशियन बुलवाएं गए और 150 लोगों की मदद से प्लांट को शुरू कर दिया गया है. पहली शुरुआत में प्लांट को ट्रायल किया गया है और अब मंगलवार से हम लोग ऑक्सीजन के करीब 3 हजार सिलेंडर रोजाना देना शुरू कर देंगे. प्लांट में 24 घंटे जिला प्रशासन के अफसर तैनात रहेंगे, ताकि 9 राज्यों को ऑक्सीजन किस सप्लाई की जा सके.
- सीएम शिवराज ने किया ट्वीट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया है कि 'धार में 3 साल से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को दिन-रात कार्य कर 4 दिन में प्रारंभ करने के लिए टीम के सभी सदस्यों के प्रति हृदय से धन्यवाद देता हूं. यह आपकी कर्मठता और संकल्प का ही परिणाम है, जो 90 दिनों का काम 4 दिन में संभव हुआ. आप सच्चे कर्मयोगी और सेवक हैं.