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उपचुनाव में बदनावर सिंचाई परियोजना पर तकरार, कांग्रेस और बीजेपी में श्रेय लेने की होड़

1587 करोड़ की बदनावर नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना बदनावर उपचुनाव में चुनावी मुद्दा बन गई है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों दल में श्रेय लेने की होड़ मची है. यहीं वजह है कि दोनों पार्टी के नेता अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. देखिये ये खास रिपोर्ट.

Badnavar by-election
बदनावर उपचुनाव

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Published : Oct 31, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 1:15 PM IST

धार। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर है. इन्हीं में से एक सीट धार जिले की बदनावर विधानसभा सीट (Badnawar Assembly Seat) शामिल है. इस सीट पर बीजेपी से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव चुनावी मैदान में हैं, तो कांग्रेस से उन्हीं के करीबी कमल सिंह पटेल उनके सामने मुकाबले में डटे हुए हैं. कमल कभी राजवर्धन के चुनावी सारथी हुआ करते थे. उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. दोनों ही पार्टियां जीत के लिए हर संभव मेहनत कर रही हैं.

बदनावर परियोजना पर सियासत

कमल सिंह पटेल वही नेता हैं, जो कभी राजवर्धन सिंह के साथ उनकी चुनावी बागडोर संभालते थे. लेकिन अब हालात कुछ अलग हैं. एक ओर बीजेपी से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से उन्हीं के करीबी कमल सिंह पटेल उनके सामने चुनावी मैदान में डटे हुए हैं.

बदनावर सिंचाई परियोजना पर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने

बदनावर के उपचुनाव में नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना पर जमकर राजनीति हो रही है. जहां एक और भारतीय जनता पार्टी नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को शिवराज सरकार की योजना बता रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पूर्व नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्र सिंह हनी बघेल के साथ में कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता बदनावर नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिचाईं परियोजना को कमलनाथ सरकार की योजना बताकर बदनावर उपचुनाव में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. दोनों ही पार्टियों के नेताओं में इस योजना का श्रेय लेने की जमकर होड़ मची हुई है.

बदनावर नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना

दत्तीगांव और पाटीदार का दावा बीजेपी की है यह परीयोजना

कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव एवं बदनावर उपचुनाव विधानसभा प्रभारी खेमराज पाटीदार बदनावर उपचुनाव में नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का जमकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं, वह कह रहे हैं कि यह योजना 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोटेश्वर धाम में बदनावर को देने की घोषणा की थी. जिसके बाद इस परियोजना की डी.पी.आर बनाई. जिसके बाद प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी और वह सरकार 15 महीनों में ही गिर गई. वहीं दोबारा से प्रदेश में बनी शिवराज सरकार में बदनावर नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई.

बदनावर परियोजना पर बीजेपी का दावा

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सिंचाई परियोजना पर कांग्रेस के अपने दावे

कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह पटेल नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को कमलनाथ सरकार की परियोजना बता रहे हैं, उनका कहना है कि इस परियोजना की मंजूरी कमलनाथ सरकार में दी गई, बजट पारित किया गया, इस योजना का काम शुरू होने ही वाला था कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सरकार बनी और उन्होंने कमलनाथ सरकार की इस योजना का भूमि पूजन किया. इस परियोजना को लेकर भाजपा उपचुनाव में बदनावर की जनता को भ्रमित कर रही है और इस परियोजना का श्रेय लेने की राजनीति कर रही है.

सुरेंद्र सिंह हनी बघेल,पूर्व नर्मदा घाटी विकास मंत्री

बदनावर नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना

नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के माध्यम से बदनावर की धरा पर मां नर्मदा का जल पहुंचेगा, जिससे बदनावर के किसानों को खेती के लिए नर्मदा का पानी मिलेगा. वहीं बदनावर की प्यास नर्मदा के जल से बुझेगी. 1587 करोड़ में बदनावर नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के प्रथम चरण का काम पूरा होना है. इस पर योजना का भूमि पूजन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बदनावर के कोटेश्वर धाम में नर्मदा पूजन करके किया और इसे बदनावर की उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण परियोजना बताया.

इस सिंचाई परियोजना के माध्यम से प्रथम चरण में बदनावर के 101 गांवों की 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पानी और ग्रामीणों के पीने के लिए पानी मिलेगा. इस योजना के प्रथम चरण का काम 4 सालों में पूरा होने का समय निर्धारित किया गया है. पहले चरण का काम होने के बाद में इस योजना का दूसरा चरण भी लाया जाएगा. जिसमें 1700 करोड़ में बदनावर के अन्य गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा.

कमल सिंह पटेल,कांग्रेस प्रत्याशी

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पॉलिटिकल विशेषज्ञ की राय

राजनीतिक विशेषज्ञ छोटू शास्त्री का मानना है कि बदनावर उपचुनाव में नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. इस परियोजना को दोनों ही पार्टी अपनी-अपनी सरकार की योजना बता रही है और इस योजना का श्रेय लेने को लेकर जमकर प्रचार प्रसार भी उपचुनाव में किया जा रहा है. निश्चित ही यह परियोजना बदनावर के लिए एक लाभकारी योजना है, इस योजना का श्रेय लेने में जिस भी पार्टी को विजय हासिल होगी, निश्चित ही बदनावर की जनता का आशीर्वाद बदनावर उपचुनाव में उसे मिलेगा.

भाजपा प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव

1587 करोड़ की नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को लेकर बदनावर उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल में परियोजना का श्रेय लेने की होड़ मची है. अब देखने वाली बात यह होगी कि उपचुनाव में इस परियोजना का श्रेय बदनावर की जनता किसे देती है.

Last Updated : Nov 1, 2020, 1:15 PM IST

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