देवास। जिले में बारिश ना होने से खेत में फसलों के पौधों के साथ ही अब किसानों के चेहरे भी मुरझाने लगे हैं, खेत में लगी सोयाबीन और अन्य फसल सूखती नजर आ रही हैं. समय पर बारिश ना होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैं. वहीं बारिश ना होने के चलते ग्रामीण समय पर अच्छी बारिश की कामना को लेकर अनेक टोटके करते नजर आ रहे हैं. टोटकों की कड़ी में गुरूवार को देवास जिले के सिंगावदा गांव में बाग रसोई मनाई गई, जिससे की रूठे हुए इंद्रदेव खुश हों और क्षेत्र में झमाझम बारिश होने लगे.
देवास: ग्रामीणों ने अच्छी बारिश के लिए मनाई बाग रसोई, किया इंद्र का पूजन
ग्रामीण समय पर अच्छी बारिश की कामना को लेकर अनेक टोटके करते नजर आ रहे हैं, इसी टोटकों की कड़ी में आज ग्राम सिंगावदा में बाग रसोई मनाई गई, बाग रसोई पुरानी मान्यता है जिसमें बारिश के देवता इंद्र को खुश करने के लिए विशेष कार्यक्रम किया जाता है.
पारंपरिक पूजा है बाग रसोई
बाग रसोई एक पारंपरिक पूजन कार्यक्रम है, जो क्षेत्र में अच्छी बारिश के लिए आयोजित किया जाता है. इस सामूहिक कार्यक्रम में गांव वासी घरों को छोड़कर खेत और खलियानों में जाकर रसोई लगाते हैं और भोजन पकाते हैं. सबसे पहले इंद्र देव और स्थानीय देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है और फिर भोग लगाकर सभी खेत में ही भोजन करते हैं. बाग रसोई के लिए एक दिन पहले गांव के चौकीदार द्वारा गांव में मुनादी कराई जाती है, जिससे कि सभी गांव वासियों को दूसरे दिन बाग रसोई की जानकारी लग जाती है.