दमोह। जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर हठीले हनुमान का एक प्रसिद्ध मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. हठीले हनुमान के भक्तों में ट्रेन भी शामिल है और यही कारण है कि करीब 161 साल पुराने इस मंदिर के सामने से निकलने वाली हर ट्रेन हॉर्न बजाकर गुजरती है. जब से इस मंदिर के सामने ट्रेन के लिए पटरियां बिछाई गईं, तब से ही यहां से गुजरने वाली हर ट्रेन का चालक हॉर्न बजाकर गुजरता है.
दमोह विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम खेजरा में स्थित खेजरा वाले हठीले हनुमान का यह प्रसिद्ध मंदिर, लोगों की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये प्रसिद्ध है. इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां से निकलने वाली हर ट्रेन हनुमान जी के प्रति अपनी आस्था हॉर्न बजाकर प्रकट करती है.
महंत प्रहलाद के मुताबिक सन 1861 में हठीले हनुमान की स्वयंभू मूर्ति सामने आई थी. वहीं हठीले हनुमान के प्रकट होने के 30 साल बाद वहां से ट्रेन निकलने के लिए पटरियां बिछाई गईं और जब यहां से पहली ट्रेन निकली तो हठीले हनुमान मंदिर के सामने ट्रेन पहुंचते ही रुक गई. खासे प्रयासों के बाद जब ट्रेन आगे नहीं बढ़ी तो ट्रेन में मौजूद चालक-परिचालकों ने आस-पास किसी देवता के होने की चर्चा सुनी और जब इन लोगों ने हठीले हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाकर उनसे प्रार्थना की तब बिना किसी रूकावट के ट्रेन आगे बढ़ सकी. तब से लेकर अब तक 131 साल से लगातार यहां से गुजरने वाली ट्रेन मंदिर के सामने हॉर्न बजाना नहीं भूलती.
खेजरा वाले हठीले हनुमान का मंदिर धीरे-धीरे मंदिर की प्रसिद्धि चारों ओर फैल गई और अब यहां पर शनिवार और मंगलवार के साथ अन्य विशेष अवसरों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर हठीले हनुमान का दर्शन करते हैं और ट्रेन द्वारा भक्ति प्रकट करने की परंपरा को जानकर आश्चर्यचकित होते हैं. इस बात की पुष्टि यहां पर पीढ़ियों से हनुमान जी की सेवा करने वाले महंत के साथ यहां आने वाले भक्त भी करते हैं.