दमोह। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन पर वितरित किए गए आमंत्रण पत्र में जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव को स्थान न दिए जाने का ब्राह्मण समाज और सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है. इस विरोध के बाद मामले को शांत करने के लिए प्रभारी मंत्री भार्गव को खुद ही मैदान में आकर सफाई देना पड़ी है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 6 को जबलपुर और 7 को सिंग्रामपुर आए हुए थे. यहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर भूमि पूजन व लोकार्पण किए, लेकिन इन कार्यक्रमों के बीच कुछ ऐसा घटित हुआ जिसने सड़क से लेकर सोशल मीडिया और गली चौराहों तक पूरे मामले का रुख ही बदल दिया. दरअसल सागर जिले की रहली विधानसभा से आठवीं बार निर्वाचित हुए गोपाल भार्गव प्रदेश की कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री हैं. साथ ही वह दमोह जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं. इस हिसाब से उन्हें राष्ट्रपति के आगमन में पर वितरित किए गए आमंत्रण पत्रों व कार्यक्रम में मंच पर आमंत्रित किया जाना था.
गोपाल भार्गव ने दी सफाई
आम जन तक जब यह समाचार पहुंची की बीजेपी के कद्दावर नेता और वरिष्ठ मंत्री का अनादर हुआ है और उन्हें न तो कार्यक्रम में महामहिम के साथ मंच पर स्थान दिया गया और न ही कार्डों में उनका नाम दिया गया है. जिसके बाद ब्राह्मण समाज में जमकर आक्रोश व्याप्त हो गया. सोशल मीडिया पर कई तरह की पोस्ट सामने आई. जिसमें बीेजपी सरकार को विधानसभा उपचुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई. इसके अलावा चौराहों और सड़कों पर भी लोग दिनभर इस विषय पर बात करते और अपना रोष जताते दिखे. खासकर भार्गव समर्थकों में जमकर आक्रोश था. जब यह पूरा मामला शाम होते-होते तक कैबिनेट मंत्री भार्गव के संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत ही मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरे मामले को स्पष्ट करते हुए सफाई दी.