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शिक्षा के मंदिर में मर्यादाएं तार-तार, प्राचार्य-प्रोफेसर के बीच गाली-गलौच - mouth war in damoh

इंदौर पीजी कॉलेज में एनएसयूआई के धरने के बाद प्रिंसिपल और प्रोफेसर के बीच हुई जबरदस्त बहस, बाकी प्रोफेसरों ने किया बीच बचाव लेकिन बहस गाली गलौच तक पहुंच गई.

खेल में लापरवाही को लेकर प्रिंसिपल और प्रोफेसर में जमकर बहस हो गई

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Published : Sep 17, 2019, 7:06 PM IST

दमोह। शहर का पीजी कॉलेज इन दिनों काफी चर्चा में है, जिसकी वजह है स्पोर्टस गतिविधियों में लापरवाही के चलते छात्र संगठन एनएसयूआई का धरना. एनएसयूआई के धरने के बाद प्रिंसिपल ने आपात बैठक बुलाई जहां प्रोफेसर डॉ रश्मि जेता और प्रिंसिपल केपी अहिरवार में जमकर विवाद हुआ.

खेल में लापरवाही को लेकर प्रिंसिपल और प्रोफेसर में जमकर बहस हो गई

प्रिंसिपल केपी अहिरवार के चेंबर में धरना कर रहे छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ एक आपात बैठक की थी. जहां प्रिंसिपल ने स्पोर्टस प्रभारी प्रोफेसर रश्मि जेता को भी तलब किया जब स्पोर्टस में हो रही लापारवाही का इल्जाम अहिरवाल ने प्रोफेसर पर मढ़ा, तो प्रोफेसर ने इल्जामात को नकारते हुए कहा की उन्हे सिर्फ खेल का प्रभारी बनाया गया है, चार्ज नहीं दिया गया है और न ही स्पोर्टस की कोई सामग्री उपलब्ध करवाई गई है.

जिसके बाद प्रिंसिपल और प्रोफेसर में दोनों के बीच विवाद शुरु हो गया. प्रोफेसर्स इसका तमाशा देखते रहे. जबकि एक ने बीच-बचाव करने की कोशिश की लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. जब दोनों के बीच बहस हो रही थी उस वक़्त बाहर आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो रहे थे. जो बार-बार प्रिंसिपल के रूम में आने की कोशिश कर रहे थे. अंदर मौजूद छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उन्हें शांत करने दरवाजे तक जा रहे थे. प्रोफ़ेसर जेता और प्रिंसिपल केपी अहिरवार ने एक दूसरे पर सरेआम कई और आरोप भी लगाए.

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