दमोह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में किस तरह पलीता लगाया जा रहा है. उसकी बानगी नगर परिषद में देखने को मिल रही है. विगत दिनों वाटर फिल्टर, क्वॉरेंटाइन सेंटर के नजदीक कचरा एकत्रित करने का मामला सामने आया था.
जिसके बाद भी शासन-प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है. हाल ही में आईं कचरे से लबालब भरी गाड़ियों की तस्वीरों से अनुमान लगाया जा सकता है कि नगर परिषद पथरिया कचरा एकत्रित करने की सुदृढ़ व्यवस्था करने में कितनी असमर्थ है. जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में कचरे का निष्पादन नहीं किया गया तो गंभीर बीमारियों से दूर नहीं रह पाएंगे. इन सारी समस्याओं को जानने के बावजूद भी नगरीय प्रशासन इंतजाम करने में नाकाम साबित हो रहा है.
नगर परिषद पथरिया की 55 एकड़ भूमि होने के बावजूद भी कचरे का समाधान नहीं हो रहा है. वाटर फिल्टर कोविड-19 केयर सेंटर के समीप कचरा डाला जा रहा था. अब अति वर्षा होने के कारण रास्ते जाम हो गए, वहीं ड्राइवरों का कहना है सीएमओ के कहने पर कचरा गाड़ियां नहीं चला रहे हैं.
नगर परिषद पथरिया नगर के समस्त 15 वार्डों से एकत्रित हुए कचरे को सुरक्षित जगह एकत्रित करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है. जिससे आम नागरिकों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. करीब 4 दिन से कचड़ा गाड़ी न चलने से आम जन सड़कों पर कचका फेंकने को मजबूर हैं. जो बीमारी को घर ला रहा है. एक तरफ जहां लोग कोविड-19 के संक्रमण से संपूर्ण जिला प्रभावित हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पथरिया नगर परिषद के ढुलमुल रवैया से नई-नई बीमारियों को आमंत्रित करने की मुहिम चल रही है जिस पर शासन प्रशासन हाथ बांधे खड़ा है.