छिंदवाड़ा। कोरोना काल के दौरान आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे स्ट्रीट वेंडरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना चलाई थी, ताकि बैंक इन्हें ब्याज मुक्त ऋण दे सके, लेकिन बैंकों में गरीबों की साख नहीं होने के चलते आधे से ज्यादा स्ट्रीट वेंडरों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है.
पीएम स्वनिधि योजना नहीं मिल रहा लाभ ! - कागजी कार्रवाई के फेर में उलझ रहे स्ट्रीट वेंडर्स
छिंदवाड़ा के पोलाग्राउंड के सामने पानीपुरी का ठेला लगाने वाले उदय गिरी गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए अप्लाई किया था, सारी प्रक्रिया भी कर दी, लेकिन बैंक में जाने के बाद बैंक ने कहा कि आपका सिविल नहीं है, इसलिए आपको लोन नहीं मिल सकता, ऐसे ही कई लोग हैं, जिन्हें बैंक कागजी कार्रवाई के चलते लोन नहीं दिया जा रहा है. सड़कों पर दुकान लगाने वाले लोगों का कहना है कि उनके सामने परिवार की आर्थिक जरूरतें पूरा करना एक बड़ी चुनौती है, तो फिर भी बैंक में पैसा जमा करके लेनदेन कैसे कर सकते हैं और जब तक लेन-देन नहीं करेंगे तो सिविल कैसे मेंटेन होगा.
जरुरत के समय काम नहीं आई स्वनिधि योजना - 50 प्रतिशत लोगों को ही मिल सका लाभ
छिंदवाड़ा नगर निगम क्षेत्र में 6,259 पात्र लोगों के नाम रजिस्टर्ड हुए हैं, जिसमें से 3,201 लोगों का लोन स्वीकृत हुआ है और 2,750 लोगों को लोन दिया जा चुका है, नगर निगम अधिकारी का कहना है कि 6,259 रजिस्टर्ड लोगों में से 4,910 लोगों के प्रकरण बैंकों को भेजे जा चुके हैं, बाकी लोगों के प्रकरण सत्यापित और जांच करने के बाद बैंकों को भेजे जाएंगे.
कागजी कार्रवाई के फेर में उलझ रहे स्ट्रीट वेंडर्स - जरुरत के समय काम नहीं आई स्वनिधि योजना
छिंदवाड़ा शहर में 733 स्ट्रीट वेंडर ऐसे हैं, जिन्होंने सरकार की योजना के तहत लोन लेने से मना कर दिया लोगों का कहना है कि जब उन्हें इन पैसों की सबसे जरूर ज्यादा जरूरत थी, उस दौरान पैसे दिए नहीं गए और उन्हें कानूनी कार्रवाई में फंसा कर रखा गया, साथ ही कई ऐसे भी लोग हैं जो इसे लोन ना समझ कर सरकार की तरफ से पूरी तरीके से फ्री सहायता मान रहे थे, इसलिए 733 लोगों ने लोन लेने से मना कर दिया.
- क्या है पीएम स्वनिधि योजना ?
बता दें कि कोरोना काल के दौरान सड़कों के किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदारों की आर्थिक स्थिति को देखकर भारत सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना लॉन्च की है, जिसके जरिए सरकार बैंकों के माध्यम से ऐसे लोगों को 10,000 रुपए तक का लोन बिना गारंटी के ब्याज में सब्सिडी के साथ देती है, ताकि वे अपना व्यापार फिर से शुरू कर सकें. लेकिन इसका लाभ कुछ ही लोगों को मिल पा रहा है.