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MP News: बीमारी से तंग दंपति ने आत्महत्या का किया प्रयास, पत्नी की मौत पति को बचाया गया - छिंदवाड़ा के माचागोरा डैम में दंपति ने छलांग

छिंदवाड़ा के चंदनगांव निवासी एक दंपति लंबे अर्से से बीमारी से परेशान थे. आखिर में इस दंपत्ति ने अपनी जिंदगी को खत्म करने का फैसला कर लिया. मगर नियती को कुछ और ही मंजूर था. हादसे में पत्नी की मौत हो गई मगर पति बच गया. माचागोरा डैम के पास लोगों ने जब शख्स को देखा तो पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है.

couple attempted suicide in chhindwara
छिंदवाड़ा में बीमारी से तंग दंपति ने आत्महत्या का किया प्रयास

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Published : Mar 29, 2023, 7:55 PM IST

छिन्दवाड़ा:चंदनगांव के रहने वाले एक दंपति ने बीमारी से परेशान होकर माचागोरा डैम इलाके में आत्महत्या करने की कोशिश की. इस घटना में पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई मगर पति की जान बच गई. दंपत्ति के इस खौफनाक कदम उठाने के पीछे उनकी आर्थिक तंगी माना जा रहा है जिसका जिक्र उन्होने सुसाइड नोट में किया है. दोनों ही काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और तंगहाली के चलते परेशान भी. पुलिस इस पूरे मामले में जांच में जुट गई है.

नागपुर में चल रहा था इलाज: SI सावित्री बघेल ने बताया कि "जांच और परिजन के बयान में सामने आया कि प्रमिला और राधेश्याम लंबे समय से बीमार थे. दोनों का नागपुर में इलाज भी चल रहा था. इसी बीमार से परेशान होकर दंपति ने जान देने का फैसला लिया था. सुसाइड की कोशिश से पहले दंपति ने सुसाइड नोट भी लिखा. नोट जब्त कर पुलिस जांच कर रही है.

कपुरदा मन्दिर जाने के लिए निकले थे पति पत्नी:शशि विश्वकर्मा ने बताया कि "चंदनगांव निवासी राधेलाल पवार पत्नी प्रमिला पवार के साथ घर से कपुर्दा मंदिर के लिए निकले थे. मंदिर से पूजा-अर्चना कर दंपति माचागोरा डैम इलाके में पहुंच गए. प्रमिला पानी की लाश बाद में वहां से बरामद हुई जबकी घायल हालत में राधेश्याम मिला. सुबह आसपास के लोगों ने उसे देखा और पुलिस को बुलाया. पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बीमारी से निजात पाने विफल रहने पर दंपति ने आत्महत्या का प्रयास किया.

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सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी का दिया हवाला:पुलिस ने बताया कि "पुरुष के पास से मिले सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी का जिक्र किया गया है, इसमें बताया गया है कि कई वर्षों से वे दोनों बीमारी से परेशान थे और उनका इलाज नागपुर के अस्पताल में चल रहा था, लेकिन बीमारी से उन्हें राहत नहीं मिल रही थी और आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर हो चुके थे. इसलिए उन्होंने अपनी जान देने का फैसला किया.

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